पाकिस्तान की एक अदालत ने पंजाब प्रांत में करतारपुर गलियारा खोले जाने को लेकर इमरान खान सरकार से सख्त सवाल पूछा है। लाहौर हाईकोर्ट ने अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या यह परियोजना प्रांतीय सरकार के मामलों में दखल नहीं है?
जज ने कहा कि यह सिद्ध हो जाता है कि संघीय सरकार ने प्रांत के मामलों में हस्तक्षेप किया है तो अदालत प्रधानमंत्री को भी नोटिस भेज सकती है। कोर्ट ने फिलहाल दो हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है और मामले में जवाब देने के लिए अतिरिक्त महान्यायवादी इश्तियाक खान को निर्देश दिया है।
लाहौर-नरोवाल सड़क के निर्माण में हुई देरी के विरुद्ध दायर याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद कासिम खान ने पाकिस्तान सरकार के कानून अधिकारी से सवाल किया है कि सड़क निर्माण के लिए संघीय या प्रांतीय सरकार में से कौन जिम्मेदार था। इसके जवाब में कानून अधिकारी ने कहा कि सड़क के निर्माण के लिए धनराशि जारी किए जाने का मामला संघीय सरकार के अधीन नहीं आता।
मुख्य न्यायाधीश खान ने कहा कि यदि सड़क निर्माण प्रांतीय सरकार का विषय है तो संघीय सरकार ने करतारपुर गलियारे का निर्माण कैसे किया। सरकारें अपनी इच्छाओं पर काम कर रही हैं या कानून के तहत? उन्होंने विधि अधिकारी को निर्देश दिया कि वह अदालत को बताए कि क्या संघीय सरकार द्वारा लाई गई करतारपुर परियोजना पंजाब प्रांत के मामलों में दखल नहीं है? उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो हम प्रधानमंत्री को भी नोटिस भेज सकते हैं।