ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस की वैक्सीन का ट्रायल रोक दिया गया है. दरअसल वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में भाग लेने वाले कुछ वॉलियंटर्स की एंटी बॉडी रिपोर्ट में एचआईवी संक्रमण दिखाया जा रहा था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने तत्काल प्रभाव से ट्रायल को रोक दिया. हालांकि बाद में जांच में पाया गया कि इस रिपोर्ट में गलत परिणाम दिख रहा है क्योंकि ये वॉलियंटर्स एचआईवी पॉजिटिव नहीं हैं. क्वींसलैंड यूनविर्सिटी और बायोटेक कंपनी सीएसएल द्वारा विकास किए जा रहे कोविड-19 टीके का काम बंद कर दिया गया है.
सीएसएल ने ऑस्ट्रेलिया के शेयर बाजार को एक बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. बयान में कहा गया है कि वह क्लिनिकल ट्रायल रोक देगी. ऑस्ट्रेलिया ने वैक्सीन की 5.1 करोड़ खुराक खरीदने के लिए चार कंपनियों से करार किया है. यह कंपनी भी उनमें से एक थी. सीएसएल ने एक बयान में कहा कि परीक्षण में भाग लेने वाले 216 प्रतिभागियों में कोई गंभीर प्रतिकूल असर देखने को नहीं मिला और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए टीका में बेहतर उपाए किए गए थे. हालांकि, परीक्षण के परिणाम से पता चला कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी के कारण प्रतिभागियों में HIV संक्रमण के त्रुटिपूर्ण नतीजे आने लगे.
सीएसएल ने कहा कि अगर राष्ट्र स्तर पर वैक्सीन का इस्तेमाल होता तो समुदाय के बीच एचआईवी संक्रमण के गलत परिणाम के कारण ऑस्ट्रेलिया के लोक स्वास्थ्य पर इसका गंभीर असर पड़ता. जुलाई से ही इस टीके का परीक्षण किया जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने कहा कि परीक्षण को रोका जाना दिखाता है कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार और अनुसंधानकर्ता बहुत सावधानी के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'आज जो हुआ उससे सरकार को हैरानी नहीं हुई. हम बिना किसी जल्दबाजी के संभलकर चलना चाहते हैं.'