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इस देश ने कोरोना को मानने से कर दिया था इनकार, अब लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए हुआ राजी

Gulabi
29 July 2021 12:37 PM GMT
इस देश ने कोरोना को मानने से कर दिया था इनकार, अब लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए हुआ राजी
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बुरुंडी सरकार ने कहा है कि वह अब से कोविड-19 वैक्सीन स्वीकार करेगी

Burundi Coronavirus Vaccination: बुरुंडी सरकार ने कहा है कि वह अब से कोविड-19 वैक्सीन स्वीकार करेगी. इसके साथ ही बुरुंडी उन देशों में शुमार हो गया है, जिन्होंने काफी देर से ही सही लेकिन लोगों का टीकाकरण करने का फैसला लिया है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार वैक्सीन लगने से होने वाले दुष्प्रभावों की जिम्मेदारी नहीं लेगी. स्वास्थ्य मंत्री टी एनडीकुमाना ने बुधवार को कहा कि विश्व बैंक के सहयोग से वैक्सीन लाई जाएंगी. हालांकि तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूर्वी अफ्रीका के इस देश को कब और कितनी खुराकें प्रदान की जाएंगी.

उन्होंने कहा, 'जिन्हें जरूरत होगी, उन्हें वैक्सीन लगाई जाएंगी. सरकार वैक्सीन का भंडारण करेगी, लेकिन वह किसी दुष्प्रभाव के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.' बुरुंडी की इस घोषणा के साथ-साथ पड़ोसी देश तंजानिया ने भी बुधवार को टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की. इससे पहले तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति जॉन मागुफुली (John Maguful) तो महामारी को ही खारिज कर चुके थे. मार्च में उनका निधन हो गया, जिसके बाद देश की कमान उपराष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन के हाथ में आ गई थी.

महामारी को हल्के में लिया गया
कोविड-19 को लेकर उनके विचार मागुफुली से उलट हैं. बुरुंडी के राष्ट्रपति पियरे एनकुरुनजीजा की पिछले साल मौत हो गई थी. महामारी को हल्के में लेने के लिए उनकी भी आलोचना हुई थी (Coronavirus in African Countries). उनके उत्तराधिकारी राष्ट्रपति एवारिस्ते एनडाइशिमिए ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि 1 करोड़ 10 लाख से अधिक आबादी वाले इस देश को अभी कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत नहीं है.

देश में 6 हजार से अधिक मामले मिले
अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं बचाव केन्द्र के अनुसार बुरुंडी में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 6,700 मामले सामने आ चुके हैं. बुरुंडी (Burundi Coronavirus Vaccine) के बाद इरिट्रिया अफ्रीका का एकमात्र देश बचा है, जिसने अब तक वैक्सीन को स्वीकार नहीं किया है. हालांकि कई गरीब देश ऐसे भी हैं, जो काफी समय से ही अपने नागरिकों को वैक्सीन लगाने पर राजी हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी कोवैक्स पहले के तहत गरीब और कम आय वाले देशों को वैक्सीन उपलब्ध करा उनकी मदद कर रहा है.
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