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नए अध्ययन में यह दावा: पूरी नींद न लेने पर बढ़ती हैं शारीरिक-मानसिक समस्याएं

Neha Dani
7 July 2021 10:34 AM GMT
नए अध्ययन में यह दावा: पूरी नींद न लेने पर बढ़ती हैं शारीरिक-मानसिक समस्याएं
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पाचन क्रिया का प्रभावित होना और सांस संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगीं।

नींद पूरी नहीं हुई तो पूरा दिन खराब हो सकता है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि पर्याप्त नींद न लेने का असर शारीरिक और मानसिक तौर पर सामने आता है। इससे गुस्सा, चिड़चिड़ापन, घबराहट जैसी मानसिक परेशानियां तो आएंगी ही साथ ही पाचन तंत्र पूरी तरह गड़बड़ हो जाएगा। इसलिए ठीक तरह से नींद लेना बहुत जरूरी है।

एक अध्ययन में सामने आया है कि लगातार तीन दिन तक ठीक से नींद न लेने से आपका शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वास्थ्य खराब होने लगता है। एनल्स आफ बिहेवियरल मेडिसन में प्रकाशित एक नए अध्ययन में नींद के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। अध्ययन लगातार आठ रातों तक न्यूनतम छह घंटे तक सोने वाले लोगों पर किया गया। आमतौर पर विशेषज्ञ कम से कम छह घंटे की नींद को जरूरी मानते हैं।
अध्ययन करने वालों का नेतृत्व कर रहीं दक्षिण फ्लोरिडा के स्कूल आफ एजिंग स्टडीज की असिस्टेंट प्रोफेसर सूमी ली ने बताया कि एक रात में ही ठीक से नींद न लेने पर खराब लक्षणों का दिखना शुरू हो गया। तीन दिनों के बाद तो शारीरिक और मानसिक रूप से दिक्कतें चिंताजनक स्थिति में पहुंचने लगीं। उस समय शोध के दौरान लगा कि मानव शरीर को कम नींद लेने की आदत पड़ गई है। लेकिन ऐसा नहीं था, छह दिन बाद शारीरिक रूप से दिक्कतें गंभीर स्थिति में पहुंच गईं।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि आमतौर पर लोग सोचते हैं कि सप्ताहांत में एक दिन भरपूर नींद लेने से सप्ताह के अन्य दिनों में तरोताजा होकर कार्य कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। एक रात भी कम नींद लेने पर रोजमर्रा के काम पर उसका असर पड़ सकता है। यह अध्ययन दो हजार लोगों पर किया गया। अध्ययन में देखा गया कि नींद की कमी से गुस्सा, घबराहट, बेचैनी के साथ ही पाचन क्रिया का प्रभावित होना और सांस संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगीं।

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