विश्व
नीदरलैंड का ये शहर करने जा रहा है मीट के प्रचार को बैन, लोग गुस्से में
Rounak Dey
16 Sep 2022 4:44 AM GMT
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यूरोपियन नागरिक 82 किलोग्राम तक मीट का खा रहा है। नीदरलैंड्स में यह आंकड़ा 75.8 किलोग्राम है।
एम्सर्टडम: डच देश नीदरलैड्स, यूरोप और दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने मीट के विज्ञापनों को पब्लिक प्लेसेज पर प्रतिबंधित कर दिया है। अथॉरिटीज का मकसद ऐसा करके ग्रीन हाउस गैसेज के उपभोग में कमी लाना है। यहां के शहर हालेम में मीट को क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी वजह मानते हुए उसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस शहर की आबादी करीब 16000 है और यहां पर मीट को उन उत्पादों की लिस्ट में डाल दिया गया है जिनकी वजह से जलवायु संकट पैदा हो गया है।
मीट की वजह से बड़ा संकट
हालेम में अब बसों, शेल्टर्स और पब्लिक प्लेसेज पर लगी स्क्रीन्स पर मीट के एड नहीं नजर आएंग। देश में मीट सेक्टर की तरफ से अब बड़े पैमाने पर शिकायतें आने लगी हैं। उनका कहना है कि देश के लोगों को यह बताने में कि उनके लिए क्या अच्छा है, सारी सीमाएं लांघी जा रही हैं। हाल ही में आई एक स्टडी में कहा गया है कि दुनिया में जिस तरह से खाने का उत्पादन हो रहा है, उसकी वजह से एक तिहाई तक ग्रीन हाउसेज गैसों का उत्सर्जन बढ़ गया है। जंगलों जो कार्बन-डाई-ऑक्साइड को ऑब्जर्व करते हैं, वहां पर अब जानवर चरने के लिए नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा उन्हें जो खाना खिलाया जाता है, उसमें नाइट्रोजन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसकी वजह से हवा और पानी में प्रदूषण बढ़ रहा है। साथ ही जलवायु परिवर्तन और ओजोन की परत भी हल्की होती जा रही है।
कौन लेकर आया नियम
इस नियम को लाने वाली जिग्गी क्लाज़ेस का कहना है कि उन्हें इस बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी कि उनका शहर दुनिया का पहला शहर है जहां पर इस तरह की नीति आई है। वह ग्रोएनलिंक्स पार्टी की नेता हैं। उन्होंने हालेम के 105रेडियो चैनल से बातचीत में कहा , 'हमारी मंशा लोगों को यह बताने की नहीं है कि लोग अपने किचन में क्या बनाएं। अगर लोग मीट खाना चाहते हैं तो वो खाएं। लोगों से यह नहीं कहा जा सकता है कि जलवायु संकट की वजह से उन्हें मीट नहीं खाना है। साथ ही हम उन्हें ऐसे प्रोडक्ट्स भी खरीदने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर सकते हैं जो इस परेशानी की वजह हैं।' इस प्रतिबंध को हॉलीडे फ्लाइट्स, जीवाश्म ईंधन और कार जो इससे चलती हैं, उन पर भी लागू किया गया है।
एक साल में कितना मीट
ग्रीनपीस रिसर्च की तरफ से कहा गया है कि यूरोपियन यूनियन का लक्ष्य है कि साल 2050 तक ग्रीन हाउसेज गैसेज का उत्सर्जन जीरो हो। साथ ही वह प्रति व्यक्ति मीट के उपभोग को हर साल 24 किलोग्राम तक ही रखना चाहती है। वर्तमान समय में एक साल में एक यूरोपियन नागरिक 82 किलोग्राम तक मीट का खा रहा है। नीदरलैंड्स में यह आंकड़ा 75.8 किलोग्राम है।
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