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इस शहर में करीब 2000 की है आबादी, पिछले 70 सालों से नहीं हुई किसी की मौत

Neha Dani
13 Nov 2021 10:16 AM GMT
इस शहर में करीब 2000 की  है आबादी, पिछले 70 सालों से नहीं हुई किसी की मौत
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इस शहर की आबादी करीब 2000 है. इस अनोखे शहर में ईसाई धर्म के ज्यादा लोग रहते हैं.

दुनिया में कई अजीबोगरीब जगहें हैं, जिनके बारे में जानने पर लोगों को यकीन नहीं होता है. ऐसी ही एक जगह नार्वे में है. इस जगह की अनोखी बात ये है कि यहां पिछले 70 सालों से किसी इंसान की मौत नहीं हुई है. ये सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है, लेकिन सौ फीसदी सच है. आइए बताते हैं इस जगह के बारें में.

प्रशासन ने लोगों के मरने पर लगा दिया है बैन
ये जगह है नॉर्वे (Norway) का एक छोटा सा शहर लॉन्गइयरबेन (Longyearbyen). इस शहर ने मानों मौत पर विजय पा ली है. ये शहर Spitsbergen Island में स्थित है. यहां के प्रशासन ने लोगों के मरने पर ही बैन लगा दिया है. बताया जाता है कि दुनिया के इस अनोखे शहर में पिछले 70 सालों से किसी भी इंसान की मौत नहीं हुई है. लेकिन इसके पीछे की वजह जानकर आप हैरान रह जायेंगे.
साल भर पड़ती है कड़ाके की ठंड
दरअसल, नॉर्वे के लॉन्गइयरबेन सिटी में साल भर मौसम बेहद ठंडा बना रहता है. ठंड के मौसम में तापमान इतना कम हो जाता है कि इंसान का जिंदा रह पाना भी मुश्किल हो जाता है. अगर किसी की मौत हो भी जाती है तो ठंड के चलते डेड बॉडी (Dead Body) कई सालों तक ऐसी की ऐसी पड़ी रहती है. कड़ाके की ठंड की वजह से न तो वो गलती है और न ही सड़ती है. इस वजह से शवों को नष्ट करने में सालों लग जाते हैं. इसकी वजह से यहां पर प्रशासन ने इसानों के मरने पर बैन लगाया हुआ है.
बीमार इंसान को होना पड़ता है दूसरे शहर में शिफ्ट
कड़ाके की ठंड की वजह से लंबे समय तक शव नष्ट नहीं होने की वजह से लॉन्गइयरबेन सिटी प्रशासन को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शव सालों साल इसी तरह पड़े रहने से शहर में कोई खतरनाक बीमारी न फैले इस वजह से यहां लोगों के मरने की इजाजत नहीं है. अगर कोई इंसान गंभीर रूप से बीमार पड़ता भी है तो उसे दूसरे शहर में शिफ्ट होने को कह दिया जाता है. फिर उसी स्थान पर मौत के बाद उस शख्स का अंतिम संस्कार किया जाता है.
करीब 2000 है शहर की आबादी
दरअसल, साल 1917 में यहां पर एक शख्स की मौत हुई थी जो इनफ्लुएंजा से पीड़ित था. उस शख्स के शव को लॉन्ग इयरबेन में दफन किया गया था, लेकिन उसके शव में अभी तक इनफ्लुएंजा के वायरस हैं. इसकी वजह से ही प्रशासन ने यहां पर किसी के मरने पर रोक लगा दी है ताकि शहर को किसी भी महामारी से बचाया जा सके. इस शहर की आबादी करीब 2000 है. इस अनोखे शहर में ईसाई धर्म के ज्यादा लोग रहते हैं.


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