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करीब से गुजर गया ये एस्टोरॉयड, धरती को नहीं पहुंचा कोई खतरा, लेकिन वैज्ञानिकों को क्यों नहीं लगी भनक

Gulabi
5 Nov 2021 3:28 PM GMT
करीब से गुजर गया ये एस्टोरॉयड, धरती को नहीं पहुंचा कोई खतरा, लेकिन वैज्ञानिकों को क्यों नहीं लगी भनक
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धरती को नहीं पहुंचा कोई खतरा

धरती को हमेशा क्षुद्रग्रहों (Asteroid) से खतरा बना रहता है. वैज्ञानिक इन क्षुद्रगहों की चाल पर पैनी नजर रखते हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि ये क्षुद्रग्रहसबकी नजर बचाकर धरती से टकरा जाते हैं. बीते दिनों भी कुछ ऐसा ही हुआ. रेफ्रिजरेटर के आकार का एक क्षुद्रग्रह धरती के बेहद करीब से गुजर गया. इस घटना के कई घंटों के बाद वैज्ञानिकों को इस खगोलीय घटना के बारे में जानकारी मिली.


लाइव साइंस डॉट कॉम की वेबसाइट के मुताबिक यह एक बेहद नजदीकी मामला था. यह घटना 24 अक्टूबर की है. यह अर्टाटिका के ऊपर करीब 3000 किमी की दूरी से गुजर गया. यह दूरी इतनी है कि जितनी की कई उपग्रहों की होती है. यह धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला तीसरा क्षुद्रग्रह है, जो धरती से बिना टकराए आगे बढ़ गया.

वैज्ञानिकों को इस एस्टेरॉयड के बारे में जानकारी नहीं थी. बाद में उन्होंने इसका नाम एस्टेरॉयड 2021 यूए1 नाम दिया. वैज्ञानिक इस क्षुद्रग्रह को नहीं देख पाए क्योंकि यह दिन में सूर्य की दिशा की ओर से ही धरती की ओर बढ़ रहा था. इस कारण धरती को पार करने के करीब 4 घंटे बाद तक वैज्ञानिकों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.

धरती को नहीं पहुंचा कोई खतरा

इस एस्टेरॉयड का आकार छोटा था. इसका व्यास करीब 6.6 फीट था. ऐसे में धरती के लिए सीधे कोई खतरा पैदा करने की इसमें कोई क्षमता नहीं थी. रिपोर्ट के मुताबिक यह क्षुद्रग्रह अगर धरती से टकराता तो भी इसका चट्टानी हिस्सा सफर के दौरान के ही नष्ट हो गया होता. यह धरती की ओर 19.45 करोड़ किमी की दूरी से आ रहा था. नासा सेंटर फॉर नीयर ऑब्जेक्ट स्टडीज ने इस एस्टेरॉयड की दूरी को मापा है.

नासा धरती पर शक्तिशाली टेलीस्कोप के जरिए इन क्षुद्रग्रहों का अध्ययन करता है. वह नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स को उनके पाथ के हिसाब से मापता है. इसी हिसाब से वह खतरनाक ऑब्जेक्ट्स की पहचान करता है और उसके बारे में प्लानेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस को इस बारे में बताता है.

ये एस्टेरॉयड होते हैं खतरनाक

नासा के मुताबिक वैसे एस्टेरॉयड जिसका व्यास कम के कम 460 फीट हो तो उससे धरती को खतरा हो सकता है. ऐसे में यूए1 में धरती को खतरा पहुंचाने का जोखिम नहीं था. लेकिन इसी तरह कोई बड़ा एस्टेरॉयड हमारी तरफ आ जाए तो क्या होगा.धरती के लिए रक्षा बना रहा नासा

नासा अंतरिक्ष में बड़े चट्टानों के टकराने से धरती को होने वाले संभावित खतरे से बचाव के लिए एक रक्षा कवच बना रहा है. इसी दिशा में वह द डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट 24 नवंबर को लॉन्च करने जा रहा है. इसके जरिए नासा अंतरिक्ष में ही ऐसे क्षुद्रग्रहों को नष्ट करने के लिए उनसे बड़े अंतरिक्ष यानों को टक्कर कराने की योजना है. नासा ने ऐसे अंतरिक्ष यान को विशेषतौर पर तैयार किया है. इन स्पेसक्राफ्ट का आकार काफी बड़ा है. इसका व्यास करीब 2600 फीट है. इस स्पेसक्राफ्ट से धरती के करीब आ रहे एस्टेरॉयल Didymos को तबाह करने की योजना है.

वर्ष 2003 में Didymos धरती के करीब पहुंचा था. उस वक्त इसकी दूरी करीब 7.18 करोड़ किमी दूर था. यह सूर्य का चक्कर काटता है. वैसे Didymos से धरती को कोई खतरा नहीं है. यह प्रयोग करने के लिए एक उचित आकार है.

धरती से कब टकराते हैं क्षुद्रग्रह

बीते दिनों नासा ने एक वीडियो जारी कर बताया था कि धरती से कब एस्टेरॉयड टकराएंगे. रिपोर्ट के मुताबिक धरती से हमेशा छोटे-छोटे कण टकराते रहते हैं. लेकिन निकट भविष्य में धरती से किसी बड़े क्षुद्रग्रह के टकराने की संभावना नहीं है.
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