x
अद्भुत मिनी ग्रह
वॉशिंगटन: एक अद्भुत छोटा ग्रह छह लाख साल की यात्रा करने के बाद दोबारा हमारी पृथ्वी के नजदीक पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मिनी ग्रह पाषाण काल से भी पहले धरती के करीब से गुजरा था। तब पृथ्वी पर रहने वाले इंसान गुफाओं में रहा करते थे। न्यू एटलस के अनुसार, स्पेस रॉक 2014 UN271 पहले ही आंतरिक सौर मंडल में प्रवेश कर चुका है। इसके 2031 में पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर पहुंचने की संभावना है।
इसलिए अद्भुत है यह आकाशीय पिंड
2014 UN271 नाम का यह आकाशीय पिंड एक धूमकेतु होने के लिए बहुत बड़ा है और एक ग्रह के रूप में वर्गीकृत होने के लिए बहुत छोटा है। इसलिए, वैज्ञानिकों ने इसे अद्भुत मिनी ग्रह का नाम दिया है। इसकी संरचना के अध्ययन के लिए नासा समेत दुनियाभर के खगोल वैज्ञानिकों की टीम पूरी तरह से तैयार है। इसके अध्ययन से पुरानी अंतरिक्ष चट्टानों के निर्माण की गुत्थी सुलझ सकती है।
नेप्च्यून से सूर्य की ओर बढ़ा यह मिनी ग्रह
रिपोर्ट के अनुसार, यह मिनी ग्रह हमारे सौरमंडल के सबसे दूर स्थित ग्रह नेपच्यून की तुलना में सूर्य के करीब है। अगले एक दशक में इस आकाशीय पिंड के शनि के समीप पहुंचने की संभावना है। लेख में कहा गया है कि पिछली बार 2014 UN271 नाम का यह आकाशीय पिंड 612190 साल पहले पृथ्वी के करीब आया था। तब से लेकर अबतक इस पिंड ने अपना अधिकांश समय ऊर्ट क्लाउड( वरूण से आगे का अंतरिक्ष) में बिताया है।
ऊर्ट क्लाउड क्या होता है
ऊर्ट क्लाउड हमारे सौरमंडल के सबसे बाहरी इलाके को कहा जाता है। यह तीन प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है। इस भाग में घूमने वाले आकाशीय पिंड हमारे सौरमंडल के सूर्य और दूसरे सितारों की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से प्रभावित रहते हैं। इस कारण ये कभी-कभी हमारे सौरमंडल में प्रवेश करते हैं, तो कभी बहुत दूर पहुंच जाते हैं। इस जगह की सबसे पहले खोज 1950 में डच खगोलशास्त्री जान ऊर्ट ने की थी।
धूमकेतु की तरह पूंछ जलने की संभावना
यह अंतरिक्ष चट्टान केवल 62 से 230 मील चौड़ा है। इसका आकार ऊर्ट क्लाउड में आजतक दर्ज किसी भी वस्तु से बड़ा है। खगोलशास्त्री सैम दीन ने माइनर प्लैनेट मेलिंग लिस्ट फोरम पर एक पोस्ट में कहा कि यह निस्संदेह अब तक की सबसे बड़ी ऊर्ट क्लाउड वस्तु की खोज है। रिपोर्ट के अनुसार, 2014 UN271 जैसे-जैसे सूर्य के करीब आएगा, इसमें धूमकेतु जैसी पूंछ विकसित हो जाएगी। ऐसा इसकी सतह पर मौजूद बर्फ के वाष्प में बदलने के कारण होगा।
Next Story