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इन लोगों ने पाकिस्तान में बड़े बदलाव को अंजाम दिया और लोगों के प्रेरणास्त्रोत के रूप में उभरे
पाकिस्तान (Pakistan) में सात लोगों को नेशनल हीरोज (National Heroes) के रूप में सम्मानित किया गया है. इन लोगों ने पाकिस्तान में बड़े बदलाव को अंजाम दिया और लोगों के प्रेरणास्त्रोत के रूप में उभरे. इसे लेकर पाकिस्तान डे परेड (Pakistan Day Parade) के मौके पर इन सात लोगों के प्रयासों की सराहना की गई. इन नेशनल हीरोज में गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करने वाली महिला से लेकर बिना हाथों वाले पेंटर शामिल हैं. आइए इन सातों लोगों के बारे में जाना जाए, जिन्होंने लोगों को जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए प्रेरित किया है.
परवीन सईद: कराची में रहने वाली परवीन सईद 'खाना घर' चलाती हैं. उनका ये खाना घर समाज के दबे-कुचले और गरीब लोगों को भोजन मुहैया कराता है. सईद बेहद ही कम कीमत पर गरीब परिवारों को भोजन प्रदान करती हैं. हर दिन खाना घर में 300 लोग खाना खाते हैं और इसका कुल खर्चा केवल चार हजार रुपये आता है.
राफिया बेग: राफिया बेग पाकिस्तान के बम निरोधक दस्ते में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. कई साल पहले एक सेशन कोर्ट के बाहर एक जबरदस्त बम धमाका हुआ. इस घटना ने राफिया को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने फोर्स में शामिल होने का निर्णय लिया. बम निरोधक दस्ते में शामिल होने से पहले उन्होंने पुलिस में सात सालों तक सेवाएं दीं.
अली गोहर: पाकिस्तान डे की परेड के मौके पर नेशनल हीरोज के रूप में सम्मानित होने वाले एक और युवा अली गोहर हैं. उन्होंने एक बिजली झटके में अपने दो हाथों को खो दिया. लेकिन इस घटना से उनका हौसला पस्त नहीं हुआ. दोनों हाथों को गंवाने के बाद भी गोहर ने पेंटिंग के लिए अपनी इच्छाशक्ति को खत्म नहीं होने दिया. अदम्य साहस को दिखाते हुए गोहर अपने पैरों से पेंट बनाते हैं.
महेंद्र पाल सिंह: पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) में खेलने वाले 24 वर्षीय महेंद्र पाल सिंह पहले सिख पाकिस्तानी बॉलर हैं. लकराना से आने वाले महेंद्र ने पेशावर जल्मी का प्रतिनिधित्व किया. वह पाकिस्तान के 20 हजार आबादी वाले सिख समुदाय से आते हैं.
साजिद सादपारा: पाकिस्तान के प्रसिद्ध पर्वतारोह अली सादपारा के बेटे साजिद सादपारा ने पर्वतारोहण में अपने देश का नाम किया, इसके लिए उन्हें नेशनल हीरोज से नवाजा गया. 2019 में के2 पर्वत को फतह करने वाले साजिद सबसे युवा व्यक्ति हैं.
नताल्या नज्म: 9 वर्षीय नताल्या नज्म प्रीयोडिक टेबल में सभी केमिकल एलिमेंट को सबसे कम समय में व्यवस्थित करने दुनिया की सबसे तेज और सबसे कम उम्र की बच्ची हैं. लाहौर की रहने वाली नज्म ने पिछले रिकॉर्ड को सात सेकेंड पहले तोड़ दिया था.
मास्टर अयूब: पेशे से दमकलकर्मी मास्टर अयूब ने गरीब बच्चों को पढ़ाने का लक्ष्य रखा है. वह वर्तमान में गरीबी और संसाधनों की कमी के बोझ तले दबे हुए बच्चों को शिक्षित करने के मिशन पर हैं. वह इस्लामाबाद के झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराते हैं.
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