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संक्रमण की समाप्ति के हफ्तों बाद बच्चे सूजन की समस्या का कर सकते हैं सामना
वाशिंगटन, एएनआइ। विज्ञानियों ने एक नए अध्ययन में पता लगाया है कि कोविड-19 पाजिटिव अथवा उसके लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती बच्चों में से 44 प्रतिशत में मस्तिष्क संबंधी समस्याएं पैदा हुईं और उनकी सघन देखभाल करनी पड़ी। अध्ययन का नेतृत्व यूपीएमसी व यूनिवर्सिटी आफ पिट्सबर्ग स्कूल आफ मेडिसिन की एक बाल रोग विशेषज्ञ-वैज्ञानिक ने किया, जो पीडियाट्रिक न्यूरोलाजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
बच्चों के मस्तिष्क से जुड़ी समस्याओं में सिर दर्द और मानसिक स्थितियों में बदलाव प्रमुख थीं। इन्हें गंभीर एंसेफैलोपैथी के रूप में जाना जाता है। जीसीएस-न्यूरोकोविड से जुड़े बाल रोग विशेषज्ञों ने पहली बार समस्या की गहराई में जाने की कोशिश की है।
संक्रमण की समाप्ति के हफ्तों बाद बच्चे सूजन की समस्या का कर सकते हैं सामना
यूपीएमसी चिल्ड्रन हास्पिटल आफ पिट्सबर्ग में बाल रोग विशेषज्ञ व अध्ययन की प्रमुख लेखिका एरिक फिंक के अनुसार, 'सार्स सीओवी-2 वायरस बाल रोगियों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित कर सकता है। संक्रमण के लक्षण दिखाई देने के बाद यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यही नहीं, संक्रमण की समाप्ति के हफ्तों बाद बच्चे सूजन की समस्या का भी सामना कर सकते हैं, जिसे एमआइएस-सी के नाम से जाना जाता है।'
बच्चों में शुरू हुआ टीकाकरण
बता दें कि कोरोना महामारी के दौर में अधिकतर संख्या में बच्चे भी इससे प्रभावित हुए हैं। हालांकि, बच्चों में कोरोना के संक्रमण का खतरा ज्यादा सीरियस देखने को नहीं मिला है। कोरोना महामारी के कई लहरों को देखते हुए अब कई देशों ने बच्चों में भी टीकाकरण शुरू कर दिया है। कोरोना टीकाकरण का असर बच्चों सहित व्यस्कों में संक्रमण के खतरे को बहुत हद तक कम कर देता है।
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Gulabi
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