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शिनजियांग की हलचल का पता लगाने के लिए भी इस निगरानी तंत्र को विकसित किया जा रहा है।
चीन इन दिनों अपने करोड़ों नागरिकों का व्यक्तिगत डाटा एकत्र कर रहा है। उसका कहना है वह एक सिस्टम तैयार कर रहा है जो लोगों की पहचान को पुख्ता करने में सरकार की मदद करेगी। लेकिन न्यूयार्क टाइम्स ने लीक डाटा के हवाले से बताया है सरकार यह सब लोगों पर खुफिया नजर रखने के लिए कर रही है। न्यूयार्क टाइम्स को मिले अव्यवस्थित डाटा से चीन की सर्विलांस क्षमता का पता चलता है।
सीसीटीवी का बिछाया जाल
उसने बताया कि इसके लिए चीन ने कंपनियों से सर्विलांस टेक्नोलाजी उपलब्ध कराने के लिए एक समझौता भी किया है। सरकार लोगों के विस्तृत विवरण हासिल करना चाहती है। ऐसे भी देश के हर कोने में सीसीटीवी का जाल बिछा दिया गया है, यहां तक की लोगों के घरों के अंदर तक। विशेष रूप से कोरोना के चलते लाकडाउन के दौरान चीन सरकार ने फोन ट्रैकिंग डिवाइस को लिंक कर लोगों को ट्रैक करने से इसकी शुरुआत की।
जानकारियां जुटाने के लिए बना रहा ये आधार
चीनी प्रशासन प्राथमिक रूप से चार डाटा स्रोत को सूचना एकत्र करने के लिए उपयोग कर रही है। पहला कैमरा, जो कि चीनी निगरानी तंत्र की सूचना का आधार है। दूसरा, फोन ट्रैक करना, जो कि करोड़ो नागरिकों द्वारा प्रतिदिन उपयोग किया जाता है। तीसरा, डीएनए, जो कि ऐस लोगों के लिए एकत्र किया जा रहा है जिनका अपराध से कोई संबंध नहीं है। चौथा अपराध का पहले से अनुमान लगाना और उसे रोकना।
राष्ट्रपति की सुरक्षा और शिनजियांग पर नजर रखना भी उद्देश्य
न्यूयार्क टाइम्स की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि डाटा एकत्रीकरण के दो पहलू हैं प्राथमिक और उच्चस्तर। चीन द्वारा इस सर्विलांस का इसलिए भी उपयोग किया जा रहा है जिससे सामाजिक स्थायित्व और सरकार पर किसी खतरे का आकलन पहले ही किया जा सके। चीन के सर्वोच्च नेता शी चिनफिंग की सुरक्षा और पश्चिमी क्षेत्र केअशांत शिनजियांग की हलचल का पता लगाने के लिए भी इस निगरानी तंत्र को विकसित किया जा रहा है।
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