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वैश्विक खाद्य कमी के कारण लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है।
श्रीलंका में आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic Crisis) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के बीच लिट्रो गैस की चेयरमैन मुदिथा पेइरिस (Litro Gas Chairman Muditha Peiris) ने सोमवार को आश्वासन दिया कि अगस्त तक गैस की कमी नहीं होगी। पेइरिस ने कहा कि श्रीलंका में सोमवार को लगभग 30,000 लीटर गैस सिलेंडर वितरित किए जाएंगे। इसके अलावा, मंगलवार को 1 लाख 20 हजार सिलेंडर और बांटे जाएंगे।
मंगलवार सुबह से बांटे जाएंगे गैस
'डेली मिरर' ने लिट्रो गैस के अध्यक्ष के हवाले से बताया कि 12.5 किलोग्राम वजन के 80,000 सिलेंडर, 5 किलोग्राम वजन के 20,000 सिलेंडर और 2.3 किलोग्राम वजन के अन्य 20,000 सिलेंडर मंगलवार को देश भर में वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिलेंडरों का वितरण मंगलवार सुबह से शुरू हो जाएगा।
31 जुलाई तक पूरी हो जाएगी गैस की कमी
पेइरिस ने कहा कि एक और 20,000 मीट्रिक टन गैस जल्द ही प्राप्त होगी। 20 जुलाई के बाद, देश में चार और गैस शिपमेंट पहुंचेंगे। देश को 20, 22, 24, 29 और 31 जुलाई को लिट्रो गैस की शिपमेंट प्राप्त होगी। उन्होंने कहा, 'लगातार गैस शिपमेंट प्राप्त होने के साथ देश में मौजूदा गैस की कमी 31 जुलाई तक पूरी हो जाएगी।'
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में हुआ इजाफा
लिट्रो गैस के चेयरमैन ने गारंटी दी कि देश को अगस्त तक घरेलू गैस सिलेंडर की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
12.5 किलोग्राम के घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़कर मौजूदा कीमत 4,910 रुपये हो गई।
हालांकि कंपनी ने गैस की कीमतों में 200 रुपये की वृद्धि करने का फैसला किया था।
उपभोक्ताओं को सलाह दी गई है कि वे अधिकतम खुदरा कीमतों से अधिक कीमत पर गैस सिलेंडर न खरीदें।
पेइरिस ने कहा कि कोलंबो में अधिकतम कीमत के साथ, 35 रुपये से शुरू होने वाला एक परिवहन शुल्क पेश किया गया था, जिसे अन्य प्रांतों में बिक्री मूल्य में जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में, देश में 33,000 मीट्रिक टन गैस स्टाक है जो 31 जुलाई तक पर्याप्त होगा और लगभग 100,000 मीट्रिक टन गैस प्राप्त होगी, जो अगस्त के अंत तक पर्याप्त होगी।
सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा श्रीलंका
बता दें, श्रीलंका 1948 में स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे पूरे द्वीप राष्ट्र में भोजन, दवा, रसोई गैस और ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। आर्थिक संकट से विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा, कृषि, आजीविका और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। श्रीलंका खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा नामित कुछ देशों में से एक है, जहां इस साल अपेक्षित वैश्विक खाद्य कमी के कारण लोगों को खाद्य संकट का सामना करना पड़ सकता है।
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