विश्व
पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति के लिए अगले पांच सालों में होगी मौसम चेतावनी प्रणाली: संयुक्त राष्ट्र
Renuka Sahu
26 March 2022 1:29 AM GMT
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फाइल फोटो
संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसी परियोजना की घोषणा की है जिसमें पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति के लिए अगले पांच साल में अर्ली वेदर वार्निंग सिस्टम या पूर्व मौसम चेतावनी प्रणाली तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र ने एक ऐसी परियोजना की घोषणा की है जिसमें पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति के लिए अगले पांच साल में अर्ली वेदर वार्निंग सिस्टम या पूर्व मौसम चेतावनी प्रणाली तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। ऐसा करना अब इसलिए ज़रूरी हो गया है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएं न सिर्फ अधिक शक्तिशाली हो गई हैं। बल्कि उनकी आवृति भी बढ़ गयी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि जिनेवा स्थित विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सहयोग से इस परियोजना का क्रियान्वयन होगा और इसका उद्देश्य समृद्ध देशों द्वारा प्रयोग की जा रही ऐसी प्रणालियों को विकासशील देशों के लिए उपलब्ध कराना होगा। गुटेरेस ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के एक तिहाई लोग मुख्य रूप से कम विकसित देशों और छोटे द्वीप, विकासशील राज्यों में अभी भी लोग प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली से दूर हैं। अफ्रीका में तो हालत और भी बुरे हैं और वहां 60 फीसदी लोगों के पास ऐसे कवरेज की कमी है।
वे आगे कहते हैं कि बदतर होते जलवायु प्रभावों को देखते हुए यह अस्वीकार्य है। हमें अब अर्ली वार्निंग सिस्टम की ताकत हर किसी तक पहुंचानी होगी, जिससे सबकी कार्य क्षमता बेहतर हो सके। इससे लोग जलवायु प्रभावों को न्यूनतम करते हुए कार्य करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि मानव जनित जलवायु व्यवधान अब हर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहा है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की सबसे हालिया रिपोर्ट पहले से हो रही पीड़ा का विवरण देती है। ग्लोबल वार्मिंग की प्रत्येक वृद्धि चरम मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता को और बढ़ाएगी। इसी वजह से अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रासंगिक बन जाते हैं।
अर्ली वार्निंग सिस्टम्स ऐसी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां होती हैं जो आने वाली मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी करने में मदद करती हैं। ऐसा करने के लिए यह सिस्टम समुद्र और जमीन पर वास्तविक समय की वायुमंडलीय स्थितियों की निगरानी करता है। ऐसी प्रणालियों के उपयोग का विस्तार करना ज़रूरी हो गया है क्योंकि इससे उचित फैसला लेने का समय मिल जाता है।
आपदा के आंकड़ों पर विश्व मौसम विज्ञान संगठन की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछली आधी सदी में, जलवायु या पानी से संबंधित आपदा प्रतिदिन औसतन होती है, जिसके परिणामस्वरूप औसतन 115 मौतें होती हैं और एक दिन में 20.2 अरब डालर का नुकसान होता है। डब्ल्यूएमओ ने अपने कुछ मौजूदा कार्यक्रमों जैसे उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, बाढ़ और तटीय बाढ़ जैसे खतरों के लिए एक बहु-खतरा चेतावनी प्रणाली बनाने की योजना बनाई है जो लोगों को कुछ प्रकार की आपदाओं के जोखिम के बारे में सूचित करने में मदद करती है।
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