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यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने चांद पर रहने वाले घरों के डिजाइन में इस्तेमाल किए जाने वाले स्केलेटल फ्लोर को दुनिया के सामने रखा है
यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने चांद पर रहने वाले घरों के डिजाइन में इस्तेमाल किए जाने वाले स्केलेटल फ्लोर को दुनिया के सामने रखा है. एक बार फिर इंसान को चांद पर भेजने की तैयारियां हो रही हैं. इस बार चांद पर इंसानों की मौजूदगी को लंबे समय तक बरकरार रखने की योजना है. (ESA)
'लूनर हेबिटेबल डिजाइन' को आर्किटेक्ट 'स्किडमोर, ओविंग्स और मेरिल' ने तैयार किया है. ये वर्तमान में वेनिस बिएननेल में प्रदर्शित किया जा रहा है. रिसर्चर्स ने एक प्रोटोटाइप डिजाइन सेक्शन तैयार किया है. इसे डच कंपनी MX3D द्वारा स्टेनलेस स्टील में 3-डी प्रिंट किया गया है. (ESA)
कंपनी ने स्टेनलेस स्टील से रोबोटिक 'वायर आर्क एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग' का इस्तेमाल करते हुए इस फ्लोर को प्रिंट किया है. इस स्टेनलेस स्टील का वजन 395 किमी है. चांद पर ले जाने वाले वाले इस फ्लोर को तैयार करने में 246 घंटे का वक्त लगा. (ESA)
इस पूरे फ्लोर डिजाइन को छह अलग-अलग सेगमेंट्स से बनाया गया है. इन्हें वर्टिकली प्रिंट किया गया. इन्हें आकार में लाने के लिए एक-दूसरे के साथ जोड़ा गया. इन सेगमेंट्स को दक्षता, उपयोग और निर्माण में आने वाली बाधाओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. (ESA)
बताया गया है कि एक्सप्लोरेशन मिशन के दौरान बुनियादी ढांचे के तुरंत निर्माण के लिए 3-डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी पर विचार किया जा सकता है. चांद की सतह पर निर्माण के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध रेजोलिथ (चंद्रमा पर सतह सामग्री) से मिले धातु का इस्तेमाल किया जा सकता है. (ESA)
यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने 2018 में भविष्य के मून बेस के लिए एक प्रोटो-डिजाइन जारी किया था. इसे 3-डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल करते हुए तैयार किया गया था. इसके बाद से ही एजेंसी उन तरीकों की जांच कर रही है जिसमें 3-डी प्रिंटिंग का इस्तेमाल चंद्रमा पर एक आवास बनाने और चलाने के लिए किया जा सकता है. ताकि पृथ्वी पर से जरूरी सामान मंगाने की जरूरत न पड़े.
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