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जयपुर में साढ़े 7 करोड़ रुपये के हीरे की चोरी के बाद मचा हड़कंप, CCTV कैमरे में हुआ कैद

Teja
25 April 2022 1:42 PM GMT
जयपुर में साढ़े 7 करोड़ रुपये के हीरे की चोरी के बाद मचा हड़कंप, CCTV कैमरे में हुआ कैद
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राजस्थान की राजधानी जयपुर में साढ़े 7 करोड़ रुपये के हीरे की चोरी के बाद हड़कंप मच गया,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | राजस्थान की राजधानी जयपुर में साढ़े 7 करोड़ रुपये के हीरे की चोरी के बाद हड़कंप मच गया, जिन डायमंड्स की चोरी हुई है वो दिल्ली, मुंबई और गुजरात से आए थे और उन्हें जयपुर के जौहरियों को भेजा जाना था। कहा जा रहा है की जिस लॉजिस्टिक कंपनी के कर्मचारी यह हीरे एयरपोर्ट से यह हीरे ला रहे थे वे ही उसे उड़कर ले गए। इन हीरों की कीमत करीब 7 करोड़ रूपये आंकी जा रही है। खबरों के मुताबिक लॉजिस्टिक कर्मचारियों द्वारा हीरे चुराने की घटना CCTV कैमरे में कैद हो गई है।

शुरुआती खबरों के मुताबिक अब कंपनी के मैनेजर ने चारों आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कराया है। मामला जयपुर के सिंधी कैंप थाना इलाके का है और अब पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गयी है.
इस मामले में सिंधी कैंप की SHO, गुंजन सोनी ने बयान जारी कर कहा है कि चुराए गए हीरों की कीमत करीब साढ़े 7 करोड़ रूपये हैं। कर्मचारी कंपनी का पार्सल लेकर आते हैं और सिंधी कैंप इलाके के एक गेस्ट हाउस में पार्सल चेक करते हैं, जिस दिन चोरी की घटना हुई उस दिन कंपनी का मुख्य सुपरवाइजर मुंबई गया हुआ था। इस दौरान कंपनी सुपरवाइजर के पीछे से चारों कर्मचारी करोड़ों रुपए का पार्सल लेकर फरार हो गए।
पुलिस की मानें तो चुराए गए डायमंड की कीमत साढ़े 7 करोड़ रूपये की थी और यह माल जयपुर के जोहरियों के लिए दिल्ली, मुंबई और गुजरात से भेजा गया था। लेकिन इनके असली मालिक के पास पहुंचने से पहले ही हीरे जवाहरातों की चोरी हो गई। जिसके बाद अम्बे एक्सप्रेस लॉजिस्टिम कंपनी के मैनेजर धर्मेन्द्र पाण्डे ने सिंधी कैंप थाने में मामला दर्ज करवाया है पुलिस ने जब CCTV फुटेज निकालकर तफ्तीश शुरू की तो नज़र आया की इसी फर्म के विकास कुमार गुर्जर, हरि ओम गुर्जर, सुरेन्द्र कुमार गुर्जर, देव नारायण और सीताराम 5 कर्मचारी कंपनी की स्कूटी में सवार होकर जवाहरात लेकर फरार हो गए।
फ़िल्म अंदाज़ में हीरे चोरी के बाद ये लोग कंपनी द्वारा दिए गए मोबाईल को भी इसी गेस्ट हाउस में छोड़ गए और कंपनी के चांदी के कई आभूषण और बर्तन भी थे, लेकिन उनमें से इन लोगों ने किसी को भी हाथ तक नहीं लगाया। कंपनी के मैनेजर धर्मेन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के देश के कई राज्यों में कार्यालय हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल डिलीवरी करने का काम किया जाता है। यह फर्म बाहर से दूसरी पार्टियों के जो कुरियर आते हैं उसे डिलीवर करने का काम करती है. कंपनी में चार कर्मचारी पार्सल लाने का काम करते हैं।
हालांकि नौकरी में रखने से पहले इन सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन भी करवाया गया था। लेकिन CCTV कैमरे में इनकी हरकत कैद हो गयी। ख़ास बात यह भी थी की चारों कर्मचारियों का यहां काम बंटा हुआ था। किसी का काम माल लोड अनलोड करना था तो किसी का काम सप्लाई का था।


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