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बांग्लादेश में शुक्रवार को एक भरी हुई नाव में आग लगने से कई लोगों की मौत हो गई
ढाका: बांग्लादेश में शुक्रवार को एक भरी हुई नाव में आग लगने से कई लोगों की मौत हो गई. एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश में सुगंधा नदी में एक नाव में तब आग लग गई जब उस पर 800 के करीब लोग मौजदू थे. आपको बता दें कि ये आग इतनी भयंकर थी कि इससे बचने के लिए कुछ लोगों ने नदी में छलांग लगा दी, जिस कारण भी कई लोग मार गए. जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब 40 लोगों की मौत हो गई है.
ढाका से 250 किलोमीटर दूर हुआ हादसा
पुलिस और दमकल के अधिकारियों ने बताया कि ढाका से बारगुना जा रही नाव एमवी अभिजन-10 के इंजन कक्ष में स्थानीय समयानुसार शुक्रवार तड़के तीन बजे आग लग गई. कई यात्री अब भी लापता हैं. बचाव अभियान से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि हादसे में डूबने से 40 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा झलकथी जिले में हुआ जो राजधानी ढाका से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. कुछ टीवी चैनलों ने हादसे में 41 लोगों की मौत की बात कही है. राहत अभियान अब भी जारी है.
हादसे में घायल लोगों का इलाज जारी
जहाजरानी राज्य मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने बताया कि 310 यात्रियों की सूची मिली है लेकिन अनुमान है कि नाव में ज्यादा यात्री सवार होंगे. उन्होंने कहा कि तड़के हुए हादसे का बैकग्राउंड और अन्य ब्योरे का पता लगाने के लिए 3 अलग-अलग जांच शुरू की गई हैं. बारिशल जिले के शेर-ए-बांग्ला मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि फिलहाल वे 70 लोगों का इलाज कर रहे हैं, जबकि दमकल अधिकारियों ने कहा कि अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में 50 और लोगों का इलाज किया जा रहा है.
दम घुटने से हुई लोगों की मौत
तटरक्षक बल, दमकल सेवा और पुलिस के जवान नदी में तलाश अभियान चला रहे हैं. दमकल सेवा के अधिकारी ने बताया कि नाव में धुआं भरने के कारण दम घुटने से ज्यादातर लोगों की मौत हो गई. कई यात्री नाव से नदी में कूद गए लेकिन तैरना नहीं जानने के कारण डूब गए. इससे पहले एक अन्य दमकल अधिकारी ने कहा, 'आग लगने के समय कई यात्री सो रहे थे, धुएं के कारण दम घुटने, झुलसने और डूबने से कई यात्रियों की मौत हुई.'
चश्मदीदों ने बताया सच
घटना के चश्मदीदों ने बताया कि नाव में कैपेसिटी से ज्यादा यात्री सवार थे और अधिकतर लोग वीकेंड पर अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए घर जा रहे थे. अधिकारियों ने आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है और 3 दिन में रिपोर्ट सौंपी जाएगी. घायलों की बड़ी संख्या के कारण बचावकर्मियों को आशंका है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. नाव में आग लगने के बाद लोग जान बचाने के लिए नदी में कूद गए. दुर्घटना में बचे लोगों ने बताया कि नाव में क्षमता से ज्यादा लोग सवार थे.
इस तरह पाया गया आग पर काबू
बारिशाल दमकल सेवा के उप निदेशक कमालउद्दीन भुइयां ने बताया कि झलकथी जिले से गुजरने के दौरान संभवत: नौका के इंजन कक्ष से आग की शुरुआत हुई. फायर सेवा कंट्रोल रूम ने एक बयान में कहा, 'सूचना मिलने पर बारिशाल मंडल फायर ब्रिगेड सर्विस और नागरिक रक्षा के उप निदेशक कमालउद्दीन भुइयां की अगुवाई में 15 फायर फाइटिंग व्हीकल 3 बजकर 50 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे और 5 बजकर 20 मिनट पर आग पर काबू पाया गया.' बरगुना के पाथरघाटा उप-जिले के प्रशासनिक प्रमुख मुहम्मद हुसैन मोहम्मद अल मोजाहिद भी अपनी पत्नी के साथ एक VIP केबिन में नाव से यात्रा कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'अचानक धुआं छा जाने से हमें सांस लेने में तकलीफ होने लगी, हर कोई शोर मचा रहा था और लोग बाहर निकलने के लिए गेट की ओर दौड़े और कुछ नदी में कूद गए.'
'नदी में कूद कर बचाई जान'
डेली स्टार ने घटना में बाल-बाल बचे व्यक्ति सैदुर रहमान के हवाले से अपनी खबर में बताया, 'तड़के तीन बजे नाव के इंजन रूम में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते इसने पूरी नाव को अपनी चपेट में ले लिया. इस दौरान नाव गबखान पुल के पास पहुंच रही थी.' उन्होंने कहा, 'नाव में बच्चों और बुजुर्गों सहित कई यात्री सवार थे. इनमें से कई यात्रियों ने नदी में कूदकर अपनी जान बचाई.' रहमान ने कहा, 'कुछ जलने की बदबू आने पर मैं वीआईपी केबिन से बाहर आया और देखा कि वहां आग लगी है. इसके बाद मैं, मेरी पत्नी और मेरा साला नदी में कूद गए और हमने तैर कर अपनी जान बचाई.'
पिछले साल भी हुई थी ऐसी ही घटना
आपको बता दें कि बांग्लादेश में पिछले साल जून में 100 से ज्यादा लोगों को लेकर जा रही एक नाव के दूसरी नाव से टकराने में 32 लोगों की मौत हो गई थी. फरवरी 2015 में एक नाव के मालवाहक जहाज से टकरा जाने के कारण 78 लोगों की मौत हुई थी.
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