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15 सालों से महिला के पीठ में थी गोली, गलती से बन गई थी निशाना, अब आई ये खबर

Neha Dani
7 April 2022 1:54 AM GMT
15 सालों से महिला के पीठ में थी गोली, गलती से बन गई थी निशाना, अब आई ये खबर
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बुलेट निकालने के बाद एरिका ठीक हैं और उन्‍हें कोई दिक्कत नहीं है.

एक महिला (Woman) की पीठ में 15 सालों तक बुलेट (Bullet) फंसी रही. अब जाकर उसे इस बुलेट से आजादी मिली है. डॉक्टरों ने सर्जरी के बाद गोली को निकाल दिया है. एरिका माइल्‍स (Erica Miles) नामक महिला नर्सिंग असिस्‍टेंट हैं. उनके साथ ये हादसा तब हुआ, जब वह स्टूडेंट थीं. एरिका गलती से एक शूटआउट (Shootout) में फंस गई थीं, तभी गोली सीधे उनकी पीठ में जा घुसी.

दो गुटों में हुई थी गोलीबारी
'डेली स्‍टार' की रिपोर्ट मुताबिक, अमेरिकी सीरीज स्‍टक ऑन क्‍वेस्‍ट रेड (Stuck on Quest Red) में एरिका माइल्‍स (Erica Miles) ने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. एरिका ने उस पल को याद करते हुए कहा, 'ये 2005 की बात है, मैं तब हाईस्‍कूल में थी, फुटबॉल मैच के बाद मैं अपनी सवारी का इंतजार रही थी. तभी दो ग्रुप एक दूसरे के आमने-सामने आ गए और गोलीबारी शुरू हो गई. इस फायरिंग में मेरे जैसे कुछ मासूम लोग फंस गए'.
रीढ़ की हड्डी के पास अटकी गोली
एरिका ने आगे कहा, 'मुझे भी एक बुलेट लग गई, मुझे ऐसा लगा कि कुछ जल रहा है. तब मुझसे कहा गया कि गोली मेरी रीढ़ की हड्डी के काफी पास है और इसलिए उसे निकाला नहीं गया था'. हालांकि, 2020 में डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनके शरीर से गोली निकाल दी. बता दें कि अमेरिका में गोलीबारी की घटनाएं आम हो चली हैं. रिपोर्ट के अनुसार, यहां हर साल करीब 5 लाख ऐसे लोगों की सर्जरी होती है, जिनके शरीर में कुछ न कुछ फंसा हुआ होता है.
'बुलेट निकालना होता है चैलेंज'
इस बारे में जनरल सर्जन डॉ जॉर्ज क्रॉफोर्ड ने बताया कि गोलीबारी में घायल लोगों के शरीर से बुलेट तुरंत निकालना सामान्य बात नहीं है. ये एक चैलेंज भी होता है कि गोली बिना मरीज को नुकसान पहुंचाए निकाल दी जाए. डॉ जॉर्ज ने कहा,'कई बार हम गोली नहीं निकालते, वो शरीर में ही रहती है. हम बुलेट तभी निकालते हैं, जब ये किसी नस या ज्‍वाइंट में फंस जाती है, क्‍योंकि ऐसे निकालने से कोई ज्यादा बड़ी दिक्‍कत आ सकती है'. डॉक्टर ने बताया कि अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने गनशॉट वाले 500 मामले देखे होंगे, इनमें सबसे अजीब मामला था जब एक शख्‍स के गोली दिमाग के बीच में घुसी हुई थी और खून एक छेद से बाहर निकल रहा था.
नीचे की ओर खिसक रही थी गोली
डॉ जार्ज बोले ने कहा कि एरिका के केस में भी यही हुआ था. 15 साल पहले उन्हें गोली लगी थी जो उनके शरीर के अंदर मौजूद थी. लेकिन वह इस बात को भूल चुकी थीं. फिर अचानक एक दिन उन्हें लगा कि कुछ गड़बड़ हो रही है. बुलेट उनकी कमर के ऊपरी हिस्‍से की तरफ थी, पर ये निचले हिस्‍से की तरफ बढ़ रही थी. इसके बाद ऑपरेशन करके उस बुलेट को निकाल दिया गया. बुलेट निकालने के बाद एरिका ठीक हैं और उन्‍हें कोई दिक्कत नहीं है.


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