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सांकेतिक तस्वीर
कई फ्लाइट्स कैंसिल.
नई दिल्ली: इजरायल पर ईरान के संभावित हमले के मद्देनजर लुफ्तांसा ने अपनी कई उड़ानें 21 अगस्त तक रद्द कर दी हैं. तेल अवीव, तेहरान, बेरूत, अम्मान और एरबिल के लिए 21 अगस्त तक कोई फ्लाइट नहीं चलेगी. उधर अमेरिका ने भी अपना घातक जंगी बेड़ा भूमध्यसागर की ओर रवाना कर दिया है. आशंका है कि आज रात ही जंग की शुरू होगी.
अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी जनरल लॉयड ऑस्टिन ने गाइडेड मिसाइल सबमरीन USS Georgia को मिडिल-ईस्ट जल्दी पहुंचने का आदेश दिया है. घातक 154 लैंड अटैक टोमाहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस यह सबमरीन तेजी से मेडिटेरेनियन की तरफ जा रही है. इसके अलावा तीसरे कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ USS Abraham Lincoln भी इसी तरफ जा रहा है. वहां पहले से ही यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप मौजूद है.
इससे पहले अमेरिका और अन्य देश मिलकर यह प्रयास कर चुके हैं कि इजरायल और हमास के बीच सीज-फायर हो जाए. ताकि ईरान के हमले के समय ज्यादा मामला बिगड़े न. लेकिन इजरायल द्वारा हमास के राजनीतिक चीफ इस्माइल हानिया को मारने के बाद ईरान गुस्से में है, वह बदला लेने के लिए संभवतः आज रात ही हमला करेगा.
इजरायल पर हमला करने जा रहे ईरान का साथ हिजबुल्लाह, हमास, यमन के हूती विद्रोही भी देंगे. इसलिए अमेरिका इस इलाके में अपनी ताकत को तेजी से बढ़ा रहा है. पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी मेजर जनरल पैट राइडर ने कहा कि ऑस्टिन ने इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से बात की है. साथ ही भरोसा दिलाया है कि अमेरिका इजरायल के बचाव में हर वो जरूरी कदम उठाएगा जो उठाने चाहिए. अशांति फैलने से रोकने में भी मदद करेगा.
पैट ने बताया कि यूएसएस अब्राहम लिंकन पहले एशिया पैसिफिक में था. उसे मेडिटेरेनियन जाने का आदेश मिल चुका है. वो रास्ते में है. ताकि वह वहां पहले से मौजूद थियोडोर रूजवेल्ट एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को रिप्लेस कर सके.
रूजवेल्ट अब मिडिल ईस्ट से वापस अमेरिका लौटेगा. पिछले हफ्ते ऑस्टिन ने कहा था कि लिंकन इस मंथ के अंत तक सेंट्रल कमांड एरिया तक पहुंच जाएगा. लेकिन अभी दुविधा ये है कि जॉर्जिया सबमरीन और लिंकन एयरक्राफ्ट कैरियर दोनों ही रास्ते में है. कब तक पहुंचेगे मिडिल-ईस्ट इसका समय नहीं बताया गया.
अमेरिका की ओहायो क्लास पनडुब्बी, जिसे किसी राज्य का नाम दिया गया है. ऐसी ये दूसरी सबमरीन है. यह सबमरीन 11 फरवरी 1984 से अमेरिकी नौसेना में काम कर रही है. इसका डिस्प्लेसमेंट 19,050 टन है. 560 फीट लंबी सबमरीन का बीम 42 फीट का है. ड्राफ्ट 38 फीट का है. इसमें एक न्यूक्लियर रिएक्टर इंजन लगा है.
दो गीयर्ड टर्बाइन, एक ऑक्सिलरी मोटर और एक शाफ्ट है, जो इसे पानी के अंदर और ऊपर चलने की ताकत देते हैं. यह अधिकतम 46 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है. अधिकतम 800 फीट की गहराई तक जा सकती है. इसके अंदर 15 अधिकारी और 140 नौसैनिक तैनात रहते हैं. इसमें 21 इंच के चार टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. इसके अलावा 154 बीजीएम-109 टोमाहॉक मिसाइलें तैनात हैं. ये मिसाइलें किसी भी मौसम में दागी जा सकती हैं. यानी अमेरिका जब चाहे ईरान के मंसूबों पर पानी फेर सकता है.
11 नवंबर 1989 से अमेरिकी नौसेना में काम कर रहा है. सैन डिएगो के नॉर्थ आइलैंड के नौसैनिक एयर स्टेशन पर तैनाती रहती है. यह निमित्ज क्लास का एयरक्राफ्ट कैरियर है. यह तीसरे कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का प्रमुख युद्धपोत है. 1.04 लाख टन इसका डिस्प्लेसमेंट है. 1092 फीट लंबे जहाज में दो परमाणु रिएक्टर्स, 4 स्टीम इंजन और 4 शाफ्ट लगे हैं. अधिकतम स्पीड 56 km/hr है. यह लगातार 20 से 25 साल पानी के अंदर रह सकता है. इसपर 3200 नौसैनिक और 2480 वायु सैनिक रह सकते हैं.
इसमें 14 तरह के अत्याधुनिक राडार और सेंसर्स लगे हैं. जो निगरानी, जासूसी, खोजबीन, हमले से बचाव, दुश्मन की लोकेशन आदि की जानकारी देते हैं. इसके अलावा एक काउंटरमेजर सुईट और एक टॉरपीडो काउंटरमेजर लगा है. इसपर 2 सी-स्पैरो एंटी-शिप, एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-मिसाइल वेपन सिस्टम लगा है.
इसके अलावा 2 RIM 116 रोलिंग एयरफ्रेम मिसाइलें लगी हैं, जो छोटी, हल्की, इंफ्रारेड होमिंग सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइले हैं. इसके अलावा 2 फैलैंक्स CIWS गन सिस्टम लगा है, जो दुश्मन के हेलिकॉप्टर, विमान, मिसाइल, बोट, फाइटर जेट को खोज-खोजकर उनपर ऑटोमैटिकली हमला करता रहता है.
इस पर 90 फिक्स विंग फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स तैनात हो सकते हैं. फिलहाल इसके ऊपर F/A-18E Super Hornet, F-35C Lightning-2, EA-18G Growler फाइटर जेट्स, E-2D Hawkeye अवाक्स एयरक्राफ्ट, MH-60S Seahawk और MH-60R Sehawk हेलिकॉप्टर्स तैनात हैं.
कैरियर स्ट्राइक ग्रुप वो होता है जिसमें प्रमुख युद्धपोत एक एयरक्राफ्ट कैरियर होता है. इसका प्रमुख जंगी जहाज USS अब्राहम लिंकन है. यह अमेरिकी नौसेना का तीसरा फ्लीट है. साल 2004 से अब तक एक्टिव. इसका मकसद होता है एयरक्राफ्ट कैरियर की सुरक्षा साथ ही समंदर के रास्ते किसी भी दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देना.
इस कैरियर ग्रुप के साथ मौजूद फाइटर जेट्स में एफ-18 सुपर हॉर्नेट, एफ-35 सी लाइटनिंग, एमएच-60आर सीहॉक, एमएच-60एस नाइटहॉक हेलिकॉप्टर होते हैं. इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए ईए-18जी ग्राउलर विमान, निगरानी के लिए ई-2डी हॉकआई और ट्रांसपोर्ट के लिए ग्रुम्मन सी-2 ग्रेहाउंड विमान होता है.
इसमें पांच गाइडेड मिसाइल क्रूजर हैं, यानी ऐसे छोटे जंगी जहाज जो तेज स्पीड से आगे बढ़कर मिसाइलों की बरसात कर सकते हैं. ये हैं- यूएसएस शिलोह, यूएसएस प्रिंसटन, यूएसएस टेक्सास, यूएसएस कैलिफोर्निया और यूएसएस स्टेरेट. इसके अलावा इसमें डेस्ट्रॉयर स्क्वॉड्रन 21 है. इसमें छह विध्वंसक जंगी जहाज हैं.
ये विध्वंसक जंगी जहाज हैं- यूएसएस फिट्जगेराल्ड, यूएसएस जॉन पॉल जोन्स, यूएसएस इंगरसोल, यूएसएस जॉन यंग, यूएसएस इंग्राहम और यूएसएस गैरी. इन सभी में भी सैकड़ों मिसाइलें होती हैं, जो दुश्मन की धज्जियां उड़ा सकती हैं. इसके अलावा इसमें कैरियर एयर विंग 11 अटैच है. यानी अलग-अलग तरह के जंगी यंत्रों, विमानों, निगरानी करने वाला समूह.
इसमें फाइटर स्क्वॉड्रन 213, 114, स्ट्राइक फाइटर स्क्वॉड्रन 94:F/A-18C, स्ट्राइक फाइटर स्क्वॉड्रन 22, अटैक स्क्वॉड्रन 95: A-6E, KA-6D और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर स्क्वॉड्रन 135. इसके अलावा इसमें एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निंग स्क्वॉड्रन 117, सी कंट्रोल स्क्वॉड्रन एस-3बी और हेलिकॉप्टर एंटी-सबमरीन स्क्वॉड्रन 6 है.
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