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इस गांव में 18 साल से नहीं है कोई बच्चा, यहां अकेलेपन को दूर करती हैं पापी गुड़ियाएं

Neha Dani
3 Jun 2022 2:04 AM GMT
इस गांव में 18 साल से नहीं है कोई बच्चा, यहां अकेलेपन को दूर करती हैं पापी गुड़ियाएं
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मेरे यहां वापस आने का कारण मेरे पिता की देखभाल करना था, लेकिन जब तक मैं स्वस्थ हूं, मैं नागोरो में रहकर गुड़िया बनाना जारी रखूंगी.

जापान के टोकुशिमा राज्य (Tokushima) में शिकोकू (Shikoku Island) द्वीप में नागोरो नामक एक जगह है. इस जगह को निःसंतान गांव कहा जाता है. यहां वापस जाने के बाद एक महिला अकेलपन से इतनी परेशान हुई कि उसने सैकड़ों खौफनाक आदमकद गुड़ियाएं बनाकर गांव को भर दिया. इस जगह को अब गुड़िया गांव (Dolls Village) के नाम से जाना जाता है.

30 से भी कम लोग रहते
'डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, इस महिला का नाम अयानो त्सुकिमी है. गुड़िया गांव की बात करें तो यहां 30 से भी कम लोग रहते हैं. अयानो जब इस गांव में आई तो देखा कि यहां लोग ही नहीं है, जो लोग बचे हैं, उनमें भी केवल बुजुर्ग हैं. यहां पिछले 18 साल से किसी बच्चे का जन्म नहीं हुआ. जिस वजह से यहां बच्चों का यहां नामोनिशान तक नहीं है. ऐसे में महिला ने घटती आबादी के अकेलापन दूर करने के लिए खौफनाक आदमकद गुड़ियाएं बनाना शुरू किया.

350 से अधिक हस्तनिर्मित गुड़िया
अयानो त्सुकिमी अब तक 350 हस्तनिर्मित गुड़िया (handmade doll) बना चुकी हैं. इस कुशल गुड़िया निर्माता को इस बात का अंदाजा नहीं था कि 30 से कम निवासियों वाले खाली गांव को भरने की उसकी योजना एक दिन पर्यटन के लिहाज से आकर्षण का केंद्र बन जाएगी. इस गावं को देखने हर साल 3 हजार लोग आते हैं.

इंसान के रूप में गुड़ियां
पहले जहां यह गांव खौफनाक माना जाता था, लेकिन अब गुड़ियाओं की वजह से फेमस हो गया है. यहां हर तरह की गुड़ियां मिल जाएंगी, जो जगह-जगह मौजूद हैं. गुड़िया के रूप में बागबानी करते बुजुर्ग, बस स्टॉप पर इंतजार कर रहे परिवार, यहां तक कि खाली हो चुकी स्कूल में टीचर और छात्र रखे गए हैं.

पहले थे 300 से अधिक लोग
अयानो ने कहा कि उसने इस योजना को अपने पिता की याद में तैयार किया था, जो बाद में दुनिया के सबसे डरावने पर्यटक आकर्षणों में से एक बन गई. एक समय इस गांव में 300 से अधिक लोग रहते थे. लेकिन समय के साथ यहां आबादी घटने लगी. अयानो भी इसी गांव में पली-बड़ी हैं. उनके ऊपर साल 2014 में जर्मन फिल्म निर्माता फ्रिट्ज शुमान ने फिल्म भी बना चुके हैं.


हर साल बिजूका महोत्सव
इस गांव में हर साल अक्टूबर के पहले रविवार को बिजूका (गुड़िया) महोत्सव होता है, जिसको देखने का इंतजार सालभर पर्यटक करते हैं. अयानो को एक गुड़िया बनाने में लगभग तीन दिन लगते हैं. इसके लिए वह अखबार, कपास, बटन, तार और अन्य सामग्री का उपयोग करती हैं. गुड़िया तैयार होने के बाद वह उनको पुराने कपड़े पहनाती हैं.

अब गांव दुनिया में हुआ फेमस
अयानो कहती हैं कि मैंने कभी भी दुनिया भर से लोगों के इस छोटे से गांव में आने की उम्मीद नहीं की थी. गुडिया के तौर पर फेमस होने से पहले यह एक साधारण गांव था, जिसकी किसी को परवाह नहीं थी. मेरे यहां वापस आने का कारण मेरे पिता की देखभाल करना था, लेकिन जब तक मैं स्वस्थ हूं, मैं नागोरो में रहकर गुड़िया बनाना जारी रखूंगी.

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