विश्व
चीन के खिलाफ नरसंहार के आरोप का समर्थन करने के लिए काफी हैं सबूत : अजीम इब्राहिम
Apurva Srivastav
9 March 2021 1:39 PM GMT
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चीनी सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही है। पुरुषों के अलावा, महिलाओं को भी तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं।
चीनी सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों को काफी समय से प्रताड़ित करती आ रही है। पुरुषों के अलावा, महिलाओं को भी तरह-तरह की यातनाएं दी जाती हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन ने उइगरों के साथ यूनाइटेड नेशन जेनोसाइड कनवेंशन के सभी प्रोविजन्स का उल्लंघन किया है। यह रिपोर्ट इंटरनेशल लॉ, जेनोसाइड, वॉर क्राइम्स पर 50 से अधिक एक्सपर्ट्स द्वारा पेश की गई है। वॉशिंगटन स्थित थिंक टैंक न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजी एंड पॉलिसी द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट के को-ऑथर अजीम इब्राहिम ने कहा कि चीन के खिलाफ नरसंहार के आरोप का समर्थन करने के लिए काफी सबूत हैं।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2014 से शिनजियांग में बनाई गई आसाधारण आंतरिक सुविधाओं में 10-20 लाख लोग कैद हैं। इसमें इन कैंप्स में यौन उत्पीड़न, जबरन नसबंदी, फिजिकल टॉर्चर, ब्रेनवाशिंग और अज्ञात लोगों की मौत के बारे में भी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया, ''डिटेंशन साइट में हिरासत में लिए गए उइगर बंदियों के साथ व्यवस्थित रूप से प्रताड़ित, यौन हिंसाएं- जिसमें रेप, क्रूर घटनाएं, अमानवीय और अपमानजनक उपचार आदि शामिल है- की जाती हैं। इसके साथ ही उन्हें बुनियादी मानवीय जरूरतों से वंचित और गंभीर रूप से अपमानित किया जाता है।''
रिपोर्ट के निष्कर्ष काफी हद तक अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के आकलन के अनुसार ही हैं, जिसमें दिसंबर 2018 में कहा गया था कि चीनी अधिकारियों ने 2017 से 20 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों के सदस्यों को नजरबंदी शिविरों में हिरासत में लिया है। न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड पॉलिसी की रिपोर्ट, जिसे 2019 में अमेरिका के फेयरफैक्स विश्वविद्यालय द्वारा एक नॉनपार्टिसन थिंक टैंक के रूप में स्थापित किया गया था, को संभवतः शिनजियांग में नरसंहार के आरोपों के पहले स्वतंत्र विश्लेषण के रूप में देखा जा रहा है।
हालांकि, उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के आरोपों से चीन लगातार इनकार करता रहा है। बीजिंग कहता रहा है कि वह इन लोगों को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रख रहा है। उसने कहा है कि शिनजियांग में उइगरों के साथ ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि उन्हें धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद से बचाया जा सके। चीनी अधिकारियों ने नजरबंदी शिविरों को 'व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों' के रूप में बताया है, जो गरीबी उन्मूलन अभियान का हिस्सा हैं। विदेश मंत्री वांग यी ने पिछले सप्ताह एक न्यूज कार्यक्रम में कहा था कि शिनजियांग में नरसंहार के आरोप पूर्वाभास हैं।
न्यूलाइंस इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट, जो राउल वालेंबर्ग सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के सहयोग से तैयार की गई थी, ने निष्कर्ष निकाला कि उपलब्ध सबूत "चीन (जनसंहार) कन्वेंशन के अनुच्छेद II के प्रत्येक प्रावधान के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार है। रिपोर्ट कहती है कि इसी संदर्भ में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने क्षेत्र में पीपुल्स वॉर ऑन टेरर की शुरुआत की और उइगर कंसेंट्रेटेड कैंप्स बनाए जिसके पीछे तर्क दिया कि उग्रवाद ने उइगर समाज में जड़ें जमा ली हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैंप गार्ड तब तक व्यवस्था को बनाए रखने के आदेशों का पालन करते रहेंगे, जब तक कि कजाक, उइगर और अन्य मुस्लिम राष्ट्रीयताएं गायब नहीं हो जातीं ... जब तक कि सभी मुस्लिम नेशनैलिटीज विलुप्त नहीं हो जातीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उच्च-स्तरीय अधिकारियों ने पूरी तरह से इन लोगों को मिटा देने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि उन्हें जड़ों और शाखाओं से नष्ट कर दें, रूट्स, कनेक्शन्स और ओरिजन को तोड़ दें।
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