जिनेवा : जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 52वीं बैठक चल रही है। सत्र के दौरान एक पश्तून समुदाय के राजनीतिक कार्यकर्ता ने बड़ा खुलासा किया है। पश्तून कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया है कि पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। तभी ही टीटीपी पाकिस्तान की मदद से वहां आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
फजल-उर-रहमान अफरीदी ने कहा कि हम खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति की ओर परिषद का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। पश्तून राजनीतिक कार्यकर्ता ने कहा कि हम पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच अघोषित समझौते को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हैं, ताकि शरिया कानून के तहत शासित होने वाले पूर्व फएटीए को टीटीपी को सौंप दिया जा सके।
अफरीदी ने यह भी आरोप लगाया है कि दोनों के बीच हुए समझौते के अनुसार, लगभग 44,000 टीटीपी आतंकवादियों और उनके परिवारों को केपीके में फिर से बसाया जाना है। लेकिन हजारों पश्तून, विशेष रूप से पश्तून सुरक्षा आंदोलन ने इस सौदे के खिलाफ पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन किया है और अपनी भूमि में शांति के लिए अपनी मजबूत इच्छा का प्रदर्शन किया है।