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प्रदेश स्तरीय विद्युत व्यवस्थाओं में से 20 विद्युत आपूर्ति में कटौती हो रही हैं और प्रतिदिन कुछ घंटे ही बिजली दे पा रही हैं।
चीन इस समय बिजली के अप्रत्याशित संकट से गुजर रहा है। कई प्रांतों में बिजली की लंबी कटौती हो रही है। दर्जनों अमेरिकी कंपनियां, जिनकी उत्पादन इकाइयां चीन में हैं- वे बिजली कटौती से बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। बीबीसी के मुताबिक चीन की औद्योगिक गतिविधियां 44 प्रतिशत तक प्रभावित हुई हैं। बिजली संकट से राजधानी बीजिंग भी जूझ रही है।
अमेरिकन चैंबर आफ कामर्स के प्रेसिडेंट केर गिब्स ने शंघाई में कहा है कि अप्रत्याशित बिजली संकट से कारोबार को भारी नुकसान हुआ है। इससे व्यापार के अवसरों का नुकसान हुआ है, बड़ी संख्या में आर्डर रद हुए हैं और कच्चा माल बर्बाद हुआ है। इस संगठन में 1,200 कंपनियों के तीन हजार से ज्यादा सदस्य हैं। यह संगठन विभिन्न प्रांतों में वहां के प्रशासन से बिजली संकट पर वार्ता कर रहा है।
चीन में बिजली का संकट पिछले कई हफ्तों से जारी है। इससे दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ने का खतरा पैदा हो गया है। गिब्स ने कहा, कई शहरों में हालात इतने खराब हैं कि सिर्फ एक या दो घंटे ही बिजली मिल पा रही है। इससे वहां पर कारखानों को बंद करने की नौबत आ गई है। हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मार्निग पोस्ट के मुताबिक गिब्स ने यह बात अपने संगठन के 40 से ज्यादा सदस्यों से बातचीत के बाद कही है।
उन्होंने कहा, बार-बार बिजली जाने से बहुत से कीमती उपकरणों को नुकसान हुआ है और हो रहा है। निर्माण प्रक्रिया बाधित होने से कच्चा माल बर्बाद हुआ है। संवेदनशील आपूर्ति व्यवस्था भंग हुई है। आर्डर रद होने से कारोबार के अवसरों का नुकसान हो रहा है।
चीन से पैदा हुए इस बड़े बिजली संकट का मुख्य कारण कोयले पर आधारित बिजलीघरों का अपने उत्पादन में कमी करना है। ऐसा उद्योगों के साथ उनका आर्थिक तालमेल गड़बड़ाने से हुआ है। बताया जा रहा है कि बिजली संकट की एक बड़ी वजह यह भी है कि देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए चीन ने अपनी बिजली उत्पादन क्षमता तीन प्रतिशत कम की है। 2025 तक उसे कोयले पर आधारित बिजलीघरों की उत्पादन क्षमता 13.5 प्रतिशत तक कम करनी है।
इस बिजली संकट ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के उद्योगों को भारी नुकसान पहुंचाया है। चीन जो कि पूरी दुनिया का कारखाना कहलाता है, उसकी छवि और व्यवस्था बिगड़ी है। हालात को नियंत्रित करने के लिए 31 प्रदेश स्तरीय विद्युत व्यवस्थाओं में से 20 विद्युत आपूर्ति में कटौती हो रही हैं और प्रतिदिन कुछ घंटे ही बिजली दे पा रही हैं।
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