विश्व

भारत में दुपहिया और तिपहिया वाहनों की भरमार: विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट

Admin Delhi 1
9 Dec 2022 11:37 AM GMT
भारत में दुपहिया और तिपहिया वाहनों की भरमार: विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट
x

दिल्ली: ईधन की बढ़ती कीमतों व लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के चलते देश में कई स्तरों पर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) के संचालन का खाका खिंचता दिखाई दे रहा है। ईवी की बिक्री में लगातार हो रहा इजाफा इस बात की ओर इशारा भी कर रहा है कि भारत में ईवी बाजार का भविष्य बेहद उज्जवल है। दरअसल, विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है उसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत में सबसे ज्यादा दुपहिया और तिपहिया वाहन हैं और यदि इनको ई वाहनों में बदलने की रणनीति पर विचार हो तो इस पर 285 अरब डॉलर की भारी भरकम राशि व्यय होगी। इसको लेकर हाल ही में डब्ल्यूईएफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर बाकायदा एक श्वेत पत्र भी तैयार किया है, जिसमें इन सब चीजों का जिक्र है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में शहरी परिवहन को इलेक्ट्रिक सांचे में ढाला जा रहा है और लोग ऐसा खुद कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में वाहनोें की इसी श्रेणी (दुपहिया एवं तिपहिया) को सबसे पहले इलेक्ट्रिक ढांचे में तब्दील करने की प्रक्रिया पर काम होता दिख रहा है।

ईवी को लेकर चिंताए भी कम नहीं: इन सबके बीच ईवी के इस्तेमाल को लेकर उपभोक्ताओं के मन में चिंताएं भी कम नहीं हैं। दरअसल एक सर्वे के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोग अपने मन में कई आशंकाएं भी पाले हुए हैं। कई लोगों की सोच है कि एक तो ईवी पर ऊंची लागत आती है दूसरा यह नई प्रौद्योगिकी है इसलिए लोग इस पर फौरन विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा वाहन के पुराना हो जाने की स्थिति में इसकी रि-सेल वैल्यू पर भी लोग सवालिया निशान लगा रहे हैं। हालांकि इन सब आशंकाओं के बीच भारत में ईवी का बाजार लगातार बढ़ रहा है।

2018-19 मेें छह लाख से अधिक बिके थे ई रिक्शा: कारोबारी बिक्री से संबंधित एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि तिपहिया ई वाहनों का देश में प्रचलन काफी बढ़ा है। बताया जाता है कि वर्ष 2018-19 के वित्तीय वर्ष में छह लाख 30 हजार ई रिक्शा बेचे गए जबकि साढ़े तीन हजार से अधिक कारें व सवा लाख से अधिक दुपहिया वाहनों की बिक्र ी हुई।

Next Story