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लंदन । दुनिया में बहुत कम देश ऐसे हैं जहां लोग रोज नहाते हैं। चीन में नहाने को शरीर और आत्मा की शुद्धि से जोड़ने की परंपरा ईसा से 1100 साल पुरानी है। सम्राट और बौद्ध के साथ ताओ लोग रोज नहाने में विश्वास रखते थे। वहां एक से एक स्नागार बनवाए गए। खाने के बाद बाद भोजन की परंपरा थी। लेकिन अब वहां ये परंपराएं और आदत बदल गई हैं। चीन के गांवों में रहने वाले रोज नहीं नहाते। कम नहाते हैं। पश्चिमी चीन के कुछ गरीब परिवारों के किसान तो नहीं के बराबर नहाते हैं। उसके पीछे कई वजहें भी हैं। नहाने और पानी गरम करने की सुविधा नहीं है। आंकड़ें बताते हैं कि चीन के गांवों में 80 करोड़ लोग रहते हैं इसमें तकरीबन 20 करोड़ लोग महीने में केवल एक बार ही नहाते हैं। हालांकि इससे उन्हें हाइजीन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि चीन के कुछ गांवों में सार्वजनिक बाथरूम में सोलर एनर्जी के गीजर लगाए गए हैं ताकि लोग नहा सकें लेकिन ये पर्याप्त नहीं हैं। वैसे चीन के शहरी इलाके के लोग गांवों के लोगों की तुलना में ज्यादा नहाते हैं लेकिन वो ज्यादा बिजी रहते हैं और रोज नहीं नहाते।
आमतौर पर हफ्ते में दो दिन नहाते हैं। स्पेन में लोग आमतौर पर हफ्ते में दो बार ही नहाते हैं जबकि 07 बार शॉवर लेते हैं। फ्रांसीसी लोग हफ्ते में दो बार बाथ लेते हैं तो 07 शॉवर लेते हैं। फ्रांस के लोग नहाने के मामले में बहुत मूडी होते हैं। वो कतई रोज नहाना पसंद नहीं करते। खासकर मर्द। एक सर्वे कहता है कि एक फ्रांसीसी सालभर में केवल 600 ग्राम साबुन ही खरीदता है। बल्कि फ्रांसीसी महिलाएं नहाने में उनसे आगे रहती हैं। नहाने के मामले में फ्रांसीसियों को सबसे खराब माना जाता है लेकिन ऐसा नहीं है। उनसे ज्यादा खराब रिकॉर्ड रूसियों का है। वो हफ्ते में एक ही दिन नहाते या शॉवर करते हैं। आमतौर पर रूसियों के यहां पानी की सप्लाई की हालत भी खराब है। एक आंकड़ा कहता है कि 05 में 01 ही रूसी घर में पानी की सप्लाई है।ब्राजील भी शॉवर के मामले में बहुत आगे हैं। वो जमकर शॉवर लेते हैं और हफ्ते में तकरीबन दोनों समय शॉवर लेकर शरीर को साफ करने का काम करते हैं।
हालांकि वहां बाथ टब या बाल्टी से नहाने की परंपरा कम है। केवल 07 फीसदी ब्राजीली ही इस तरह नहाते हैं। ब्राजील का मौसम काफी आर्द्रता भरा होता है। भारतीय दुनिया में नहाने में सबसे अव्वल हैं। आमतौर पर वो हफ्ते के सातों दिन नहाते हैं। दुनिया में इतना कहीं कोई नहीं नहाता। वो जमकर नहाने में पानी बहाते हैं। जब गर्मी होती है तो भारतीय दिन में दो बार नहाते हैं। जापानी हफ्ते में 06 बार नहाते हैं तो 05 शॉवर भी ले लेते हैं। नारा यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पता लगा कि खासी आबादी वाले जियान शहर में 90 फीसदी लोगों के पास एक बाथरूम है लेकिन वो रोज नहीं नहाते। हफ्ते में दो से तीन दिन ऐसा करते हैं।
हां रिलैक्स होने के लिए शॉवर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। सप्ताह की बात करें ब्रिटिश लोग हफ्ते में 03 दिन नहाते हैं लेकिन वो 05 बार शॉवर लेते हैं। वैसे दुनिया की सबसे महंगी बाथ लंदन के ही एक होटल में होती है वहां एक ऐसा खास स्नान है जहां नहाना 25000 पाउंड (करीब 24 लाख रुपए) का खर्च लेता है। आप भी हैरान होंगे ऐसा भी क्या नहाना जो इतना महंगा हो। इसकी वजह बस इतनी है लंदन के नाइट्सब्रिज स्थित द कैडोगन होटल आपको शैंपेन में नहाने का मौका देता है जिसको वो लवली बबल का नाम देते हैं।
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Rani Sahu
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