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चीन के सात लड़ाकू विमानों ने की घुसपैठ
ताइवान (Taiwan) के इलाके में गुरुवार को एक बार फिर चीनी घुसपैठ (Chinese incursion) देखने को मिली. चीनी एयरफोर्स (Chinese Air Force) के सात युद्धक विमान (Fighter Plane) इस द्वीप के 'एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन' (ADIZ) में घुस आए. दो दिन पहले ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People Liberation Army) ने ताइवान के इलाके में 28 विमानों को भेजा था. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.
पर्यवेक्षकों का कहना है कि ताइवान के इलाके में चीन की ताजा घुसपैठ का उद्देश्य दो नए जरनेशन वाले विमानों की टेस्टिंग थी. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप से निपटना भी रहा. चीन ने अपनी इस घुसपैठ को J-16 लड़ाकू विमानों (J-16 fighter Jets) के दो नए मॉडल, चार J-7 लड़ाकू विमानों (J-7 fighters Jets) और एक Y-8 इलेक्ट्रिक वॉरफेयर लड़ाकू जहाज (Y-8 electric warfare aircraft) के जरिए अंजाम दिया.
एक महीने में छठी बार चीन ने की ताइवान के इलाके में घुसपैठ
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन विमानों की घुसपैठ के बाद हमने अपनी वायुसेना के जहाजों को तैनात किया. इसके अलावा, रेडियो वॉर्निंग दी गई और चीनी विमानों की गतिविधियों की निगरानी के लिए एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम (Air Defence Missile System) को तैनात किया गया. मंत्रालय ने बताया कि ये इस महीने घुसपैठ की छठी घटना है, जब PLA के विमान ताइवान के ADIZ में घुसे हैं.
अमेरिका के साथ हुए रक्षा समझौते के बीच हो रही है घुसपैठ
चीनी घुसपैठ ऐसे समय पर हो रही है, जब ताइवान ने 'हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम' और 'हार्पून कोस्टल डिफेंस सिस्टम' के लिए जैसे दो शक्तिशाली हथियारों के लिए अमेरिका के साथ सौदा किया है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय द्वारा विधायिका को जारी एक दस्तावेज के मुताबिक, इन हथियारों के जरिए ताइवान की युद्ध क्षमता में इजाफा होगा. ऐसे में चीन के पेट में दर्द होने लगा है. दूसरी ओर, ताइवान को लेकर अमेरिका पहले ही कह चुका है कि वह इसे चीनी कब्जे में नहीं जाने देगा.
ताइवान और चीन में अलग-अलग सरकारें
चीन ताइवान के ऊपर अपना दावा करता है. 2.4 करोड़ लोगों की आबादी वाला ये द्वीप चीन के मुख्य भूभाग के दक्षिणपूर्वी तट से दूर स्थित है. पिछले सात दशकों से दोनों मुल्कों में अलग-अलग सरकारें हैं, लेकिन इसके बाद भी ताइवान पर चीन अपनी नजरें गड़ाए हुए है. जहां चीन में कम्युनिस्ट पार्टी का शासन चलता है, वहीं ताइवान में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार है. चीन ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है.
ताइवान को लेकर G-7 मुल्कों ने भी चीन की आलोचना की
हाल ही में, G-7 की बैठक में इसके नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया. इसमें ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व को रेखांकित करते हुए कई मुद्दों पर चीन को लताड़ लगाई. इन टिप्पणियों की चीन ने बदनाम करने की साजिश बताते हुए निंदा की. ताइवान ने हाल के महीनों में द्वीप के पास चीन की वायुसेना द्वारा दोहराए गए मिशनों की शिकायत की है, जो ताइवान-नियंत्रित प्रतास द्वीप समूह के पास अपने वायु रक्षा क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी भाग में केंद्रित है.
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