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तालिबान का कहना है कि वो अमेरिका को समय सीमा बढ़ाने की इजाजत नहीं देगा। लिहाजा उन्हें तय सीमा के अंदर ही यहां से जाना होगा।
दुनिया की महाशक्ति अमेरिका काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा से हाथ खड़े किए हुए नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका ने अब पड़ोसी देशों से गुहार लगाई है कि वो काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा संभालने के लिए आगे आएं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट को आगे भी खोले रखने और उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय देशों से सक्रिय प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रयास इस बात को लेकर भी है कि अमेरिकी सेना के जाने के बाद क्या वो ऐसा कर सकते हैं। जैसा की इसको खोले रखने की जरूरत है, तो ये भी देखना होगा कि क्या कुछ दिनों के लिए इसको बंद कर दिया जाए। ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान पहले भी एयरपोर्ट के संचालन को अपने हाथों में लेने की इच्छा कई बार जता चुका है।
अमेरिका के अलावा दुनिया के कई देशों की भी दिलचस्पी में इसमें है कि इसका संचालन लगातार जारी रहना चाहिए। मुख्य रूप से यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कि जो कोई भी अफगानिस्तान से जाना चाहता है वह हवाई अड्डे का उपयोग करके 31 तारीख से आगे भी निकल सकता है। उन्होंने ये भी कहा है कि अमेरिका की पूरी कोशिश है कि वो 31 अगस्त तक अपनी सेना को यहां से निकाल ले। इसके लिए वो सभी विकल्प तलाश भी रहा है और उसका इस्तेमाल भी कर रहा है।
हालांकि अमेरिका इस बात को लेकर भी आशंका जता चुका है कि 31 अगस्त तक ऐसा करना संभव नहीं है। अमेरिका ने इस बात के भी सीधे संकेत दिए हैं कि ये समय सीमा आगे भी बढ़ाई जा सकती है। हालांकि इस पर तालिबान ने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। तालिबान का कहना है कि वो अमेरिका को समय सीमा बढ़ाने की इजाजत नहीं देगा। लिहाजा उन्हें तय सीमा के अंदर ही यहां से जाना होगा।
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