अपने 11 साल के सौर चक्र से गुजर रहा सूर्य इस समय बहुत एक्टिव फेज में है. वैज्ञानिक इसमें हो रही गतिविधियों को मॉनिटर कर रहे हैं. इस बीच, माउ के हवाई द्वीप पर हलाकाला ऑब्जर्वेट्री में US नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) के नए 'डैनियल के इनौए सोलर' (Daniel K Inouye Solar) टेलीस्कोप ने अपने संचालन का एक साल पूरा कर लिया है. इस टेलीस्कोप ने सूर्य की शानदार भेजी है.
टेलीस्कोप से कैप्चर की गई इमेज में जो धागे जैसी चीज दिखाई देती है, वह वास्तव में सूर्य के कोरोना में तैरने वाले प्लाज्मा हैं. इनकी चौड़ाई 1,600 किलोमीटर तक होती है. नेशनल साइंस फाउंडेशन का कहना है कि इनौए सोलर टेलीस्कोप दुनिया का सबसे शक्तिशाली सोलर टेलीस्कोप है. इसने सूर्य के क्रोमोस्फीयर (chromosphere) की तस्वीर ली है, जिसका रेजॉलूशन 18 किलोमीटर है और यह 82,500 किलोमीटर के एरिया को कैप्चर करता है. क्रोमोस्फीयर सूर्य के वायुमंडल में तीन मुख्य परतों में से दूसरा है. यह फोटोस्फीयर के ऊपर और सोलर ट्रांजिशन रीजन व कोरोना के नीचे स्थित है.
सूर्य का क्रोमोस्फीयर आमतौर पर अदृश्य होता है. इसे सिर्फ पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान देखा जा सकता है, जब यह तारे के चारों ओर लाल रिम के रूप में दिखाई देता है. लेकिन इमेजिंग तकनीक ने चीजें बदल दी हैं और अब क्रोमोस्फीयर में भी देखा जा रहा है.
नेशनल साइंस फाउंडेशन का कहना है कि अपनी 50 साल की यात्रा के दौरान इनौये सोलर टेलीस्कोप फिजिक्स रिसर्च के नए अध्याय लिखेगा. यह वैज्ञानिकों को सूर्य, उसके चुंबकीय व्यवहार और हमारे ग्रह पर इसके प्रभाव के बारे में अधिक समझने में मदद करेगा.
NSF के डायरेक्टर, सेथुरमन पंचनाथन ने कहा कि यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली सोलर टेलीस्कोप है, जो हमारे सूर्य को खोजने और समझने के तरीके को हमेशा के लिए बदल देगा. इससे सौर तूफान जैसी घटनाओं की भविष्यवाणी और तैयारी करने के तरीकों में भी बदलाव आएगा.
सूर्य की परिक्रमा कर रहे एक स्पेसक्राफ्ट 'पार्कर सोलर प्रोब' ने भी हाल में सूर्य के बेहद नजदीक से अपना सफर पूरा किया है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि पार्कर सोलर प्रोब ने इस नजदीकी सफर के दौरान सूर्य की कुछ हैरान करने वाली तस्वीर ली होगी.