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दुनियाभर के इंटरनेट को रूस की पनडुब्बियों से खतरा! सेना प्रमुख के बयान से खलबली

jantaserishta.com
9 Jan 2022 8:48 AM GMT
दुनियाभर के इंटरनेट को रूस की पनडुब्बियों से खतरा! सेना प्रमुख के बयान से खलबली
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लंदन: दुनियाभर के इंटरनेट को रूस की पनडुब्बियों से खतरा है. समुद्र में फैली इंटरनेट की प्रमुख केबल्स रूसी सबमरीन के चलते टूट या खराब हो सकती हैं. जिससे दुनिया भर में सूचनाओं का आदान-प्रदान रुक सकता है. अगर एक भी केबल इस वजह से टूटता है तो इसे 'युद्ध छेड़ने की कवायद' माना जाएगा. यह चेतावनी ब्रिटेन के नए रक्षा प्रमुख टोनी राडाकिन ने दी है.

स्काई न्यूज में प्रकाशित खबर के अनुसार ब्रिटेन के रक्षा प्रमुख एडमिरल टोनी राडाकिन ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि रूसी पनडुब्बियां समुद्र के अंदर फैली इंटरनेट केबल्स के लिए खतरा है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया में सूचनाओं का आदान-प्रदान रुक सकता है या बाधित हो सकता है. टोनी ने कहा कि ये केबल्स पूरी दुनिया में इंटरनेट की सप्लाई करती हैं. अगर ये बाधित हुईं तो यह माना जाएगा कि रूस ने युद्ध छेड़ दिया है.
पिछले साल अक्टूबर में ब्रिटेन के नए रक्षा प्रमुख बनाए गए एडमिरल सर टोनी राडाकिन ने द टाइम्स अखबार से बात करते हुए कहा कि रूस ने पिछले 20 सालों में समुद्र के अंदर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं. उनकी पनडुब्बियों से प्रमुख इंटरनेट जाल को खतरा है. मॉस्को अपनी गतिविधियों की वजह से पूरी दुनिया में सूचनाओं के बहाव को रोक सकता है.
एडमिरल टोनी राडाकिन ने कहा कि जिस गहराई में रूस की पनडुब्बियां गोते लगाती हैं, वहां पर इंटरनेट केबल्स का मुख्य जाल बिछा हुआ है. रूस के पास इन तारों को खराब करने या तोड़ने की क्षमता भी है. अगर रूस ऐसा करता है तो पूरी दुनिया में इंटरनेट का संकट हो जाएगा. जो कि सभी देशों की अर्थव्यवस्था, संचार, संपर्क आदि विषयों को रोक देगा.
टोनी राडाकिन ने कहा कि रॉयल नेवी पिछले 20 सालों से रूस की समुद्री गतिविधियों पर नजर रख रहा है. उसकी पनडुब्बियों की संख्या, यातायात के मार्ग और उससे संबंधित खतरों की स्टडी लगातार चल रही है. दिसंबर 2020 में ब्रिटिश टाइप 23 फ्रिगेट HMS नॉर्थंबरलैंड युद्धपोत से रूसी पनडुब्बी टकरा गई थी. तब यह पता चला था कि रूस की पनडुब्बी इंटरनेट केबल का नक्शा बना रही है.
इसके अलावा सर टोनी राडाकिन ने कहा कि ब्रिटेन को हाइपरसोनिक हथियार बनाने की जरूरत है. अभी हमारे पास ऐसे हथियार नहीं हैं. हम इस मामले में कमजोर हैं. यूक्रेन में अगर रूस घुसपैठ करने की कोशिश करता है तो हमारे पास मिलिट्री एक्शन लेने का रास्ता खुला है.
इस मामले को अगले हफ्ते सुलझाया जा सकता है. अमेरिका और नाटो (NATO) मिलकर रूस के साथ वार्ता करने वाले हैं. इसमें यूक्रेन के पास बने रूसी सैन्य ढांचों, समुद्री इंटरनेट केबल को खतरा समेत कई मुद्दों पर बातचीत होने के आसार हैं.
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