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'परमाणु बमों'की ताकत से भरा विशाल उल्कापिंड' के धमाके से बची थी दुनिया, देखें वीडियो

Shiddhant Shriwas
10 Aug 2021 7:27 AM GMT
परमाणु बमोंकी ताकत से भरा विशाल उल्कापिंड के  धमाके से बची थी दुनिया, देखें वीडियो
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दशकों पहले हुई उल्कापिंड की इस घटना को आज तक याद किया जाता है. जो धरती के काफी करीब तक आ गया था. इस नजारे को बहुत से लोगों ने आसमान में देखा था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। What Would Happen if the Great Daylight Fireball of 1972 Hit Earth: हम आए दिन उल्कापिंड से जुड़ी खबरें देखते हैं, जिनमें बताया जाता है कि अंतरिक्ष से आने वाला उल्कापिंड धरती के पास से गुजरेगा और अगर धरती से टकराया तो तबाही मचा सकता है. इस तरह की खबरें अब काफी आम हो गई हैं और लोग इसे मजाक की तरह भी लेने लगे हैं. लेकिन इसकी असल सच्चाई बेहद डरवानी है. अगर गलती से भी कोई उल्कापिंड धरती पर गिरे तो परमाणु बम जितना नुकसान पहुंचा सकता है. कुछ ऐसा ही 10 अगस्त के दिन, साल 1972 में होते-होते रह गया था.

ये वो घटना थी जो कैमरे में कैद हो गई और आज तक इसका वीडिया देखा जाता है. इसे 'ग्रेट डेलाइट फायरबॉल' के नाम से जाना जाता है. इस दिन एक उल्कापिंड ने धरती के वातावरण में प्रवेश किया था और वह पृथ्वी की सतह के 35 मील भीतर तक आया. तेज गति से उल्कापिंड कनाडा में आया (The Great Daylight Fireball of 1972 Facts). वहां आसमान में बेहद कम दूरी पर ही उसमें जोरदार विस्फोट हुआ. जिसके कारण वहां मौजूद हर कोई डर गया. बाद में फिर इससे जुड़ी हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई.
बेहद तेज थी उल्कापिंड की रफ्तार
ऐसा कहा गया कि अगर उल्कापिंड जमीन से टकरा जाता तो कई परमाणु बमों के बराबर नुकसान पहुंचा सकता था. गनीमत रही कि धरती बाल-बाल बच गई. इस घटना को लिंडा बेकर नाम की महिला ने कैमरे में कैद कर लिया था. वीडियो को देखकर बाद में इस उल्कापिंड से जुड़ी अन्य जानकारी हासिल की गई (Great Daylight Fireball 1972 Video). ग्रेट डेलाइट फायरबॉल को US19720810 नाम दिया गया. उल्कापिंड ने अमेरिका के उटाह में 15 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से प्रवेश किया था. उल्कापिंड को आसमान में बहुत से लोगों ने देखा था. इसके बाद यह कनाडा की तरफ गया.
उल्कापिंड से कैसे बचती है धरती?
अंतरिक्ष से उल्कापिंड या फिर कचरा धरती के वातावरण में प्रेवश करते ही काफी ऊर्जा उत्पन्न करता है. जिससे उसमें विस्फोट हो जाता है और वह जल जाता है (Asteroids on Earth). हालांकि कई बार ये मलबा दुनिया के उन स्थानों पर आकर गिरता है, जहां या तो बहुत कम लोगों की आबादी रहती है या फिर जलक्षेत्र होता है. यह आसमान में अकसर टूटते सितारे जैसे दिखाई देते हैं.
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