महिला को पुलिस स्टेशन में नौकरी करने के जुर्म में किया अंधा, आंखें फोड़कर मारी गोली
![महिला को पुलिस स्टेशन में नौकरी करने के जुर्म में किया अंधा, आंखें फोड़कर मारी गोली महिला को पुलिस स्टेशन में नौकरी करने के जुर्म में किया अंधा, आंखें फोड़कर मारी गोली](https://jantaserishta.com/h-upload/2020/11/12/850431-and.webp)
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अफगानिस्तान में सरकार के साथ शांति समझौते के बावजूद तालिबान का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। तालिबानी आतंकियों ने 33 साल की एक महिला को पुलिस स्टेशन में काम करने के जुर्म में न केवल आंखों में चाकू गोदकर अंधा किया, बल्कि उसके बाद गोली भी मार दी। हालांकि, आसपास मौजूद लोगों की मदद से समय पर अस्पताल पहुंचने से महिला की जान बच गई है।
पुलिस अधिकारी है पीड़ित महिला
रिपोर्ट के अनुसार, 33 साल की खटेरा गजनी प्रांत की एक पुलिस स्टेशन में नौकरी करती थीं। वह तीन महीने पहले ही गजनी पुलिस की अपराध शाखा में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त हुईं थीं। उन्होंने हमले के बाद रॉयटर्स को बताया कि अगर मेरे ऊपर कम से कम एक साल पुलिस की नौकरी करने के बाद हमला हुआ होता तो भी मुझे इतनी तकलीफ नहीं होती। यह सब बहुत जल्द हो गया। मुझे मेरे सपने को जीने और पुलिस के लिए केवल तीन महीने काम करने का ही समय मिला।
तालिबान ने महिला अधिकारों का सम्मान करने का किया था दावा
हाल के महीनों में तालिबान ने कहा है कि वे शरिया कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करेंगे। लेकिन, कई शिक्षित महिलाओं का कहना है कि उन्हें तालिबान के वादे पर संदेह है। विद्रोही समूह ने पहचान पत्रों में मां के नाम जोड़ने के लिए सुधार का विरोध किया है। इससे साबित होता है कि वे महिलाओं के अधिकारों के लिए किए गए अपने वादे के खिलाफ काम कर रहे हैं।
महिला का आरोप- पिता ने करवाया हमला
महिला ने आरोप लगाया कि उसके पिता इस नौकरी के खिलाफ थे। उसने कहा कि कई बार जब मैं ड्यूटी पर जाती थी तो मेरे पिता पीछे-पीछे आते थे। उन्होंने पास के इलाके में तालिबान से संपर्क कर मुझे नौकरी पर जाने से रोकने को कहा था। पिता ने तालिबान को अपनी बेटी के पुलिस की नौकरी वाले आईडी कार्ड की फोटोकॉपी भी सौंपी थी।
तालिबान ने किया हमले में हाथ से इनकार
गजनी पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ था। खटेरा के पिता को भी साजिश रचने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया है। वहीं तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मामले से अवगत थे, लेकिन यह एक पारिवारिक मामला था और वे इसमें शामिल नहीं थे।