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मर्दों को लेकर महिला ने किया ऐसा ट्वीट, पूरे देश में मच गया बवाल, कोर्ट ने 5 महीने की सुनाई सजा

Renuka Sahu
28 Oct 2021 2:10 AM GMT
मर्दों को लेकर महिला ने किया ऐसा ट्वीट, पूरे देश में मच गया बवाल, कोर्ट ने 5 महीने की सुनाई सजा
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फाइल फोटो 

इस्लामिक देशों में महिलाओं का पुरुषों के खिलाफ बोलना किसी अपराध से कम नहीं होता.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस्लामिक देशों में महिलाओं का पुरुषों के खिलाफ बोलना किसी अपराध से कम नहीं होता. तुर्की (Turkey) की एक महिला एक्टिविस्ट को महज इसलिए पांच महीने जेल की सजा सुनाई गई, क्योंकि उसने पुरुषों को लेकर एक ट्वीट किया था. कोर्ट ने एक्टिविस्ट के ट्वीट को पुरुषों का अपमान माना और उसे जेल भेजने की सजा सुना डाली. हालांकि एक्टिविस्ट का कहना है कि जिस ट्वीट को उसका बताया जा रहा है, वो उसने किया ही नहीं.

Activist ने फैसले के खिलाफ की अपील
लेखिका और महिला अधिकारों के लिए काम करने वालीं 34 वर्षीय पिनार यिलदिरिम (Pinar Yildirim) को पांच महीने की सजा सुनाई गई है. उन्हें पुरुषों के अपमान का दोषी पाया गया है. पिनार ने इसके खिलाफ ऊपरी अदालत का रुख किया है. यदि वो केस हार जाती हैं, तो उन्हें जेल जाना होगा. एक्टिविस्ट का कहना है कि ऐसे देश में जहां महिलाओं को हर क्षेत्र में अपमानित किया जाता है, वहां एक महिला के ट्वीट पर इतना हंगामा समझ से परे है.
Tweet से छेड़छाड़ का लगाया आरोप
पिनार यिलदिरिम ने दावा किया कि उनके Tweet के साथ छेड़छाड़ हुई है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी 'आई डोंट लाइक मैन' नहीं लिखा. मैंने ट्वीट किया था 'आई स्टिल लाइक मैन' जिसे बदल दिया गया. जिस ट्वीट को पुरुषों का अपमान बताकर मुझे सजा सुनाई गई है, वो मेरा है ही नहीं और मैं जल्द ये साबित कर दूंगी. वहीं, कोर्ट के इस फैसले से महिलाओं में रोष है. उनका कहना है कि एक ट्वीट के लिए जेल भेजना नाइंसाफी है.
पुरुष आरोपी को क्यों छोड़ दिया?
एक्टिविस्ट ने बताया कि उन्होंने नेटफ्लिक्स पर एक सीरीज के संबंध में 'आई स्टिल लाइक मैन' ट्वीट किया था, जिसे रेडियो एंड टेलीविजन सुप्रीम काउंसिल ने समलैंगिकता को बढ़ावा देने वाला करार दिया है. मेरे इस ट्वीट को बदलकर 'आई डोंट लाइक मैन' कर दिया गया. उन्होंने कहा, 'मैंने कई गे फिल्में, शो देखे, लेकिन मैं समलैंगिक तो नहीं बन गई. मुझे आज भी पुरुष पसंद हैं और यही बात मैंने अपने ट्वीट में कही थी'. उन्होंने कहा कि हाल ही में कोर्ट ने उस युवक को सजा देने से इनकार कर दिया था, जिसने एक महिला पत्रकार के साथ बदतमीजी की और उसे जान से मारने की धमकी दी. फिर मेरे मामले में इतनी सख्ती क्यों?


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