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महिला को नहीं आती थी इंग्लिश, अब केस जीतकर हो गई मालामाल

Neha Dani
10 Aug 2021 10:48 AM GMT
महिला को नहीं आती थी इंग्लिश, अब केस जीतकर हो गई मालामाल
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10 हजार यूरो यानी 8,73,016 रुपये का मुआवजा दे. ट्रिब्यूनल ने ये भी कहा कि आगे से कंपनी किसी को इंग्लिश बोलने के लिए मजबूर नहीं करेगी.

क्या कभी आपने सुना है कि किसी कंपनी ने अपने कर्मचारी को इंग्लिश बोलने के लिए मजबूर किया और बाद में उसे जुर्माने के तौर पर लाखों रुपये भरने पड़े. हां ऐसी घटना यूनाइटेड किंगडम (UK) में हुई है. यहां एक कंपनी ने लातविया (Latvia) देश की महिला को, जो उनकी कर्मचारी थी, उसे उसकी लातवियन (Latvian) भाषा बोलने से रोका था. कंपनी ने महिला कर्मचारी से कहा था कि वह कंपनी के अन्य कर्मचारियों से बात करने के लिए केवल इंग्लिश भाषा (Company Force Woman To Speak English) का ही इस्तेमाल कर सकती है.

महिला को नहीं आती थी इंग्लिश भाषा
मिरर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिला का नाम अल्बिना सोकोलोवा (Albina Sokolova) है. वह 2010 से यूनाइटेड किंगडम में रह रही है. वह एक फ्रूट्स एंड नट सप्लायर कंपनी में काम करती है. कंपनी में उसे इंग्लिश भाषा बोलने के लिए कहा गया. जिसके बाद महिला ने एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में केस दायर कर दिया.
महिला को मुआवजे में मिले लाखों रुपये
जान लें कि एंप्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल ने महिला के पक्ष में फैसला दिया है. ट्रिब्यूनल ने कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह महिला को 10 हजार यूरो यानी 8,73,016 रुपये का मुआवजा दे. ट्रिब्यूनल ने ये भी कहा कि आगे से कंपनी किसी को इंग्लिश बोलने के लिए मजबूर नहीं करेगी.


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