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अंतिम संस्कार के दौरान 'ज़िंदा' हो गई महिला, शोक सभा में मौजूद लोगों का डर के मारे हुआ ऐसा हाल!

Neha Dani
3 May 2022 11:03 AM GMT
अंतिम संस्कार के दौरान ज़िंदा हो गई महिला, शोक सभा में मौजूद लोगों का डर के मारे हुआ ऐसा हाल!
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इस मामले में लांबायेक क्षेत्रीय अस्पताल संशय के घेरे में है, जहां उसका पहले इलाज हुआ था.

जब किसी का कोई अपना दुनिया से चला जाता है तो कई बार लोग सोचते हैं शायद वह शख्स एक पल के लिए और मिल जाता. लेकिन सोचिए अगर किसी की शोकसभा के बीच वह मृत व्यक्ति सच में उठ जाग उठे? आपको सुनकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन ऐसा सच में तब हुआ जब कार एक्सीडेंट में मौत का शिकार हुई महिला ने अपना ताबूत खटखटाकर लोगों को दंग कर दिया.

ताबूत के अंदर से आने लगी आवाज
दरअसल, पेरू के लांबाइक से रोजा इसाबेल सेस्पेडेस कैलाका (Rosa Isabel Cespedes Callaca) को एक कार दुर्घटना के बाद मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनके ताबूत के अंदर से खटखटाने की आवाजें सुनाई देने लगीं. ऐसे में वहां मौजूद लोग हैरान हो गए. कहा जाए तो रोजा इसाबेल अपने ताबूत के अंदर से शोर करके परिवार के सदस्यों को स्तब्ध किया और अपने अंतिम संस्कार में बाधा डाली.
जीजा और साली की हुई थी मौत
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, एक भयावह दुर्घटना में शामिल होने के बाद रोजा को मृत घोषित किया गया था. इस घटना में रोजा के साथ उनके जीजाजी की भी जान चली गई थी. चिकलायो-पिक्सी रोड पर हुई इस घटना में उनके तीन भांजे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
कंधा देने वालों ने सुनी आवाज
इस घटना के बाद बीते मंगलवार, 26 अप्रैल को उसके अंतिम संस्कार से पहले रोजा को एक ताबूत में रखा गया था, लेकिन जब शवयात्रा की शुरुआत हुई तो कुछ ही देर में लोगों ने एक अजीब शोर सुना. आवाज ताबूत के अंदर से आ रही थी तो, शोक मनाने वाले डर गए. रोजा के जिन रिश्तेदारों ने ताबूत को अपने कंधों पर उठा लिया था, उसे तुरंत नीचे किया और ढक्कन खोला तो उसे जीवित पाया.
हॉस्पिटल में हुआ इलाज फिर हुई मौत
कब्रिस्तान में काम करने वाले जुआन सेगुंडो काजो ने इस घटना के बारे में बात करते हुए कहा, 'उसने अपनी आँखें खोलीं और वह पूरी तरह पसीने में भीगी हुई थी. मैं तुरंत अपने कार्यालय गया और पुलिस को फोन किया.' मेट्रो की रिपोर्ट के अनुसार, उसके परिवार ने ताबूत उठाया और महिला को लांबायेक के रेफरेंशियल अस्पताल फेरेनाफे में ले गए, जिसमें रोजा का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टर्स ने रोजा को लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रख दिया, क्योंकि उन्होंने देखा कि रोजा काफी कमजोर है. लेकिन कुछ घंटों बाद उसकी मृत्यु हो गई.
परिवार ने उठाए डॉक्टरों पर सवाल
अब रोजा का परिवार स्वास्थ्य विभाग से यह जवाब मांग रहा है कि रोजा को पहले मृत क्यों घोषित किया गया था. महिला की आंटी ने स्थानीय मीडिया को बताया, 'हम जानना चाहते हैं कि कल जब हम उसे दफनाने के लिए ले जा रहे थे तो मेरी भतीजी जिंदा थी, ऐसा क्यों हुआ. हमारे पास वीडियो हैं जिसमें वह ताबूत को धक्का दे रही है.'
शायद कोमा में थी रोजा
रोजा के रिश्तेदारों का मानना ​​है कि दुर्घटना के बाद वह कोमा में रही होगी, यही कारण हो सकता है कि डॉक्टरों ने सोचा कि वह मर चुकी है. पेरू में पुलिस अब इस घटना की जांच कर रही है, इस मामले में लांबायेक क्षेत्रीय अस्पताल संशय के घेरे में है, जहां उसका पहले इलाज हुआ था.



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