अफगानिस्तान में महिलाओं (Afghan Women) से उनके सजने संवरने का अधिकार छीन लिया गया है। काबुल (Kabul) की सत्ता पर काबिज हुक्मरानों ने अपने हालिया तुगलकी और तालिबानी निर्णय में राष्ट्र के सभी ब्यूटी सैलून (Beauty Salon) और स्पा संचालकों को महीने भर की मोहलत देते हुए अपना पूरा तामझाम समेटने को बोला है। इसके साथ ही ऐसा न करने पर फौरन अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है। यानी साफ है कि काबुल समेत पूरे राष्ट्र के सभी ब्यूटी सलून बंद किए जा रहे हैं। अफगानिस्तान की गवर्नमेंट ने इसके पीछे की वजह भी बताई है।
‘महिलाओं की आजादी खत्म’
यूं तो कई राष्ट्रों में आधी जनसंख्या पर हमेशा कोई न कोई संकट मंडराता रहता है। खासकर कट्टरपंथी राष्ट्रों में उनके कई तरह की बंदिशों को मानना पड़ता है। ईरान में हिजाब पहनना महत्वपूर्ण है तो किसी और राष्ट्र में कुछ और फरमान हर हाल में मानना ही पड़ता है। हालांकि तालिबान के नैतिकता एवं दुराचार उन्मूलन मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक आकिफ महजीर अभी खुलकर कुछ ऐसा नहीं बोला है कि सैलून बैन का निर्णय नहीं मानने वालों को कौन सी सजा दी जाएगी।
हैरान कर देगी सैलून बैन की वजह
इससे पहले गर्ल्स विद्यालय और कॉलेज बंद करा चुका तालिबान स्त्रियों को पार्क समेत कई सार्वजनिक जगहों पर जाने को प्रतिबंधित कर चुका है। स्त्रियों को जॉब करने से रोका गया है। ‘AP’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वहीं अपने हालिया आदेश को लेकर तालिबान का बोलना है कि ब्यूटी सलून बंद करने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वो लोग जो भी सर्विस देते हैं, वो इस्लाम के विरुद्ध हैं और विवाह कार्यक्रम के दौरान इस एक्स्ट्रा खर्च की वजह से दूल्हे के परिवारों के लिए पैसों की परेशानी होती है।
‘UN की अपील का तालिबान पर होगा असर?
इस आदेश के विरुद्ध काबुल में दुर्लभ छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए। जिनमें शिरकत करने वालों को आंसू गैस और पानी की तेज बौछारों से पीछे धकेल दिया गया। लोगों का बोलना है कि उनके छिटपुट विरोध को आगे भी दबा दिया जाएगा। इस निर्णय से स्त्रियों की रोजी रोटी समाप्त हो रही है।
वहीं संयुक्त देश ने बोला है कि उसके प्रतिनिधि इस प्रतिबंध को वापस लेने के लिए अफगानिस्तान के ऑफिसरों से बात कर रहे हैं। हालांकि अफगान महिलाएं भली–भाँति जानती हैं कि यदि आदेश आया है तो उन्हें मानना ही पड़ेगा, अन्यथा उनका क्या हाल होगा ये किसी से छिपा नहीं है।