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जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, लंदन हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला, जानें अब अमेरिका पहुंचने पर क्या होगा?

Renuka Sahu
11 Dec 2021 2:59 AM GMT
जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, लंदन हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला, जानें अब अमेरिका पहुंचने पर क्या होगा?
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फाइल फोटो 

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (Wikileaks founder Julian Assange) के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. लंदन की हाईकोर्ट ने कहा है कि अब उन्हें ब्रिटेन से अमेरिका भेजा जा सकता है. बता दें कि इस साल 4 जनवरी को ब्रिटेन की लॉअर कोर्ट ने उनके प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी थी. उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि अगर उन्हें अमेरिका भेजा गया तो वो आत्महत्या कर सकते हैं. इसके बाद अमेरिका ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

जूलियन असांजे पर आरोप है कि उन्होंने साल 2010 से 2011 के दौरान अमेरिकी सेना और राजनीतिक दस्तावेजों को प्रकाशित किया. इस बार सुनवाई के दौरान अमेरिका ने अदालत को आश्वासन दिया कि वो असांजे के आत्महत्या के प्रयास के जोखिम को कम करेगा. दरअसल कई डॉक्टरों ने कहा है कि वो डिप्रेशन से पीड़ित हैं और अगर उसे प्रत्यर्पित किया जाता है तो वह खुद को मारने की कोशिश कर सकता है.
किस कानून के तहत मिलेगी सज़ा?
अमेरिका में असांजे को जासूसी अधिनियम और कम्प्यूटर धोखाधड़ी अधिनियम के तहत आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ेगा. जासूसी अधिनियम लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त करने से रोकता है. दरअसल अमेरिका की दलील है कि ऐसी जानकारियों से उन्हें नुकसान हो सकता है. कोई विदेशी देश इन जानकारियों का फायदा उठा सकते हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल क्यों है नाराज़?
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों से अंसाजे के खिलाफ आरोप हटाने और उनके प्रत्यर्पण की मांग नहीं करने का आह्वान किया था. साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल ने भी असांजे के पक्ष में बात की थी. अदालत के फैसले के बाद, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है 'ये न्याय का मजाक है. इस अपील को स्वीकार करते हुए, हाई कोर्ट ने अमेरिका द्वारा दिए गए गहरे त्रुटिपूर्ण राजनयिक आश्वासनों को स्वीकार करने के लिए चुना है कि असांजे को अधिकतम सुरक्षा जेल में एकांत कारावास में नहीं रखा जाएगा.'
हो सकती है 175 साल की सज़ा
असांजे की साथी स्टेला मोरिस उसके प्रत्यर्पण का केस लड़ने के लिए पैसे जुटा रही है. उन्होंने कहा, 'जूलियन ने निहत्थे नागरिकों की हत्या और निर्दोष लोगों की यातना को उजागर किया. अब कुछ लोग जूलियन को अपने पूरे जीवन के लिए अमेरिकी जेल प्रणाली के सबसे गहरे, अंधेरे कोने में दफनाना चाहते हैं. जूलियन को 175 साल की संभावित सजा का सामना करना पड़ सकता है.'
कौन हैं जूलियन असांजे और उन्होंने क्या किया?
साल 2010 से अमेरिका को असांजे की तलाश है. उन्होंने विकीलीक्स के जरिए हजारों राजनयिक केबल और सैन्य दस्तावेज प्रकाशित किए. ये वो दस्तावेज थे जो उसे अमेरिकी सेना के सेवाकर्मी चेल्सी मैनिंग ने दिए थे. 2010 के लीक में इराक में एक यूएस अपाचे हेलीकॉप्टर का वीडियो भी शामिल है. जिसमें दो रॉयटर्स के पत्रकारों सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी.
क्या है विकीलीक्स?
असांजे ऑस्ट्रेलियाई हैं. उन्होंने 2006 में विकीलीक्स की स्थापना की थी. स्पीगल को 2015 के एक इंटरव्यू में असांजे ने कहा था, 'विकीलीक्स दुनिया के सबसे सताए गए दस्तावेज़ों का एक विशाल पुस्तकालय है. हम इन दस्तावेजों को रखते हैं, उनका विश्लेषण करते हैं. विकीलीक्स के पास अब 10 मिलियन से अधिक दस्तावेज़ और संबंधित विश्लेषण हैं.' उन्होंने ये भी कहा था कि विकीलीक्स के अधिकांश पाठक भारत से आते हैं, उसके बाद अमेरिका की बारी आती है.
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