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यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी, हमले हुए तेज, जानिए दोनों सेनाओं की ताकत

jantaserishta.com
24 Feb 2022 6:23 AM GMT
यूक्रेन और रूस के बीच जंग जारी, हमले हुए तेज, जानिए दोनों सेनाओं की ताकत
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नई दिल्ली: इस बात में कोई संदेह नहीं है कि युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि दिमाग से जीता जाता है. अगर यूक्रेन किसी मामले में कमजोर भी है तो वह रूस से काफी दिनों तक संघर्ष कर सकता है. ग्लोबलफायर पावर डॉट कॉम के अनुसार पावर इंडेक्स की सूची में रूस दुनिया के 140 देशों की सूची में दूसरे स्थान पर आता है. जबकि, यूक्रेन 22 नबंर पर है. रूस आबादी के मामले में 9वें और यूक्रेन 34वें स्थान पर है. यानी रूस के पास 14.23 करोड़ की आबादी है तो यूक्रेन के पास 4.37 करोड़ की. करीब 9.85 करोड़ का अंतर है.

रूस मौजूदा मैनपावर की ताकत के मामले में 9वें स्थान पर और यूक्रेन 29वें स्थान पर है. यानी रूस की मौजूदा मैनपावर 6.97 करोड़ से ज्यादा है. इनमें से 4.66 करोड़ से थोड़े ज्यादा लोग फिट फॉर सर्विस है. यूक्रेन की मैनपावर 2.23 करोड़ से ज्यादा है. इनमें से 1.56 करोड़ से ज्यादा लोग फिट फॉर सर्विस हैं.
रूस के पास सक्रिय सैनिक 8.50 लाख हैं. यूक्रेन के पास एक्टिव पर्सनल 2 लाख ही हैं. हैरानी की बात ये है कि दोनों ही देशों के पास रिजर्व सैन्य बल बराबर है. दोनों के पास ही रिजर्व सैन्य बल 2.50 लाख है. इसके अलावा रूस के पास पैरामिलिट्री फोर्स 2.50 लाख है, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 50 हजार अर्धसैनिक बल ही हैं.
रूस की एयरफोर्स ग्लोबलफायर पावर डॉट कॉम की सूची में दूसरे स्थान पर. रूस के पास कुल मिलाकर 4173 एयरक्राफ्ट हैं. जबकि यूक्रेन की रैंकिंग 31वीं है. उसके पास 318 एयरक्राफ्ट हैं. रूस के पास कुल फाइटर जेट (Fighter Jets) 772 हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 69 फाइटर जेट्स हैं. यहां पर यूक्रेन के लिए भारी मुसीबत खड़ी हो सकती है.
रूस के पास हमला करने के लिए 772 में से 739 डेडिकेटेड अटैक जेट्स (Dedicated Attack Jets) हैं, जबकि यूक्रेन के पास 69 में से डेडिकेटेड अटैक जेट्स 29 ही हैं. रूस के पास ट्रांसपोर्ट व्हीकल 445 हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 32 ही हैं. यानी युद्ध के दौरान रूस सीमाओं की तरफ ज्यादा रसद और जरूरी सामान पहुंचा सकता है. लेकिन यूक्रेन के लिए यहां पर संकट खड़ा हो सकता है.
रूस के पास 522 ट्रेनर्स एयरक्राफ्ट हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 71 ट्रेनर्स हैं. रूस के पास स्पेशल मिशन के लिए 132 एयरक्राफ्ट हैं. वहीं, यूक्रेन के पास सिर्फ 5. रूस के पास कुल मिलाकर 1543 हेलिकॉप्टर्स (Helicopters) हैं. जबकि यूक्रेन के पास 112 हेलिकॉप्टर्स हैं. रूस हेलिकॉप्टर्स के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जबकि यूक्रेन की रैंकिंग 34वीं है. रूस के 1543 में 544 हेलिकॉप्टर हमला करने में सक्षम हैं. जबकि, यूक्रेन के सिर्फ 34 हेलिकॉप्टर ही हमला कर सकते हैं.
अब बात करते हैं जमीनी ताकत की. रूस टैंकों (Tanks) के मामले में दुनिया का नंबर एक देश हैं. रूस के पास 12,420 टैंक्स हैं, जबकि यूक्रेन टैंक्स के मामले में दुनिया में 13वें नंबर पर आता है. उसके पास 2596 टैंक्स हैं. रूस के पास 30,122 बख्तरबंद वाहन (Armored Vehicles) हैं, वह इस मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर आता है. जबकि, यूक्रेन के पास 12,303 बख्तरबंद वाहन हैं, उसकी रैंकिंग 6ठी हैं.
रूस के पास स्वचालित आर्टिलरी यानी सेल्फ-प्रोपेल्ड आर्टिलरी (Self-Propelled Artillery) 6574 हैं, जबकि यूक्रेन के पास 1067 है. रूस इस मामले में दुनिया में पहली रैंकिंग रखता है, जबकि यूक्रेन 6ठीं. इसके अलावा रूस खींचकर ले जाने वाली आर्टिलरी यानी Towed Artillery में भी पहले नंबर पर है. उसके पास 7571 आर्टिलरी हैं, जैसे भारत में बोफोर्स टैंक. यूक्रेन इस मामले में सातवें नंबर पर है. उसके पास 2040 Towed Artillery है.
मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर्स यानी मोबाइल रॉकेट लॉन्चर्स (Mobile Rocket Launchers/Projectors) की संख्या के मामले में रूस नंबर एक है. उसके पास 3391 रॉकेट लॉन्चर्स हैं. जबकि यूक्रेन 12वीं रैंकिंग पर है. उसके पास 490 मोबाइल रॉकेट लॉन्चर्स हैं.
अब चलते हैं दोनों देशों की नौसेना की ओर... रूस के नौसैनिक फ्लीट (Naval Fleet) 605 है. इस मामले में वह दुनिया का दूसरा ताकतवर देश हैं. जबकि यूक्रेन की रैंकिंग 53वीं हैं. उसके फ्लीट की ताकत सिर्फ 38 है. रूस के पास एक एयरक्राफ्ट करियर है, जबकि यूक्रेन के पास एक भी नहीं हैं. दोनों ही देशों के पास एक भी हेलो करियर्स नहीं हैं.
रूस के पास 70 सबमरीन (Submarine) हैं. रूस इस मामले में दुनिया का दूसरा ताकतवर देश हैं. जबकि यूक्रेन के पास एक भी पनडुब्बी नहीं है. रूस के पास 15 विधंव्सक (Destroyers) हैं, जबकि यूक्रेन के पास एक भी नहीं हैं. रूस के पास 11 फ्रिगेट्स (Frigates) हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ एक फ्रिगेट है.
रूस के पॉस 86 कॉर्वेट्स (Corvettes) हैं. जबकि, यूक्रेन के पास सिर्फ एक कॉर्वेट है. रूस के पास 59 पेट्रोल वेसल हैं, जबकि यूक्रेन के पास 13 पेट्रोल वेसल ही हैं. रूस के पास समुद्री बारुदी सुरंगों की खत्म करने और लगाने वाले 49 जंगी पोत हैं, जबकि यूक्रेन के पास 1 ही है. युद्ध सिर्फ हथियारों से नहीं लड़ा जाता. इसके साथ कई अन्य तरह की जरूरतें पड़ती हैं. जैसे- नागरिक हवाई अड्डे, व्यावसायिक नौसेना जिसे मर्चेंट नेवी भी कहते हैं, बंदरगाह और टर्मिनल्स, लेबर फोर्स, सड़कें, तेल आदि.
रूस के पास पूरे देश में करीब 1218 एयरपोर्ट्स (Airports) हैं. जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 187 ही हैं. रूस के पास मर्चेंट मरीन यानी मर्चेंट नेवी के 2873 जहाज हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 409. रूस के पास 8 बंदरगाह और टर्मिनल्स हैं, जबकि यूक्रेन के पास सिर्फ 6 ही हैं. रूस के पास लेबर फोर्स यानी कामगारों की ताकत 6.99 करोड़ है. जबकि, यूक्रेन के पास 1.79 करोड़ ही है.
रूस के पास 12.83 लाख किलोमीटर लंबी सड़के हैं, जबकि यूक्रेन के पास 1.69 लाख किलोमीटर लंबी. यूक्रेन की सीमा से लगे हुए इलाकों में रूस के पास 87,157 किलोमीटर लंबी सड़के हैं, जबकि, यूक्रेन के पास सिर्फ 21,733 किलोमीटर लंबी. अब बात करते हैं तेल की. क्योंकि युद्ध होते ही हथियारों के बाद सबसे ज्यादा जरूरत वाली वस्तु है तेल. रूस तेल उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है. यहां पर 10,760,000 bbl तेल उत्पादन होता है, जबकि यूक्रेन की रैंकिंग 47वीं है. यहां पर 32 हजार bbl तेल उत्पादन होता है.
रूस में रक्षा और सैन्य मामलों को लेकर तेल की खपत 3,650,000bbl है. जबकि, यूक्रेन में 2.33 लाख bbl. रूस के पास तेल रिजर्व 8000 करोड़ bbl तेल रिजर्व है. जबकि यूक्रेन के पास 39.5 करोड़ bbl तेल रिजर्व है. यानी तेल खत्म होते ही यूक्रेन की हालत पस्त हो जाएगी. नाटो, अमेरिका और यूरोप की मदद से कितने ही दिन यह युद्ध चल पाएगा. क्योंकि कोरोना के बाद किसी भी देश की स्थिति ऐसी नहीं है कि वो ज्यादा दिन तक युद्ध को चला सके.
अब अगर हम रूस के मिलिट्री बजट की बात करें तो वह बहुत ही ज्यादा है. रूस दुनिया में तीसरा ऐसा देश है जो रक्षा बजट में बहुत ज्यादा खर्च करता है. इसका रक्षा बजट 154,000,000,000 डॉलर्स है. यानी 11.56 लाख करोड़ रुपए. जबकि, यूक्रेन का रक्षा बजट 11,870,000,000 डॉलर्स यानी 89,113 करोड़ रुपये. यानी यूक्रेन के आर्थिक रूप से भी रूस की तुलना में कमजोर है.


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