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रूसी तोपखाने के लाभ को तोड़ने में मदद करने के लिए बहुत अधिक आधुनिक प्रणालियों की आवश्यकता है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध काफी लंबे समय से जारी है। 24 फरवरी से शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 158 दिन हो गए हैं। लगातार चल रहे युद्ध के कारण रूस के पास हथियारों और लड़ाकू सेना की भी कमी हो गई है।
ऐसी आशा जताई जा रही है कि इस कमी को पूरा करने के लिए रूस की प्राइवेट मिलिट्री फर्म वैगनर को पूर्वी यूक्रेन में अग्रिम मोर्चों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। यह बात शुक्रवार को बिट्रेन के रक्षा मंत्री ने एक खुफिया अपडेट में कही है।
ब्रिटेन ने ट्विटर पर अपने एक नियमित खुफिया बुलेटिन में कहा कि, "साल 2015 के बाद से ग्रुप के काम में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
साथ ही यह भी कहा गया कि वैगनर की फोर्स रूस की यूक्रेन में स्थिति को ज्यादा मजबूत करने में शायद ही सक्षम हो।
रूसी सेना ने पूर्वी दोनेस्क क्षेत्र में यूक्रेन के बिजली संयंत्र पर किया कब्जा
रूस-यूक्रेन की जंग हर दिन बढ़ रही है। गुरुवार को रूसी सेना ने पूर्वी दोनेस्क क्षेत्र में स्थित यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े बिजली संयंत्र पर अपना कब्जा जमा लिया है।
बता दें कि यूक्रेन की सेना ने दोनेस्क के दक्षिणी हिस्से में स्थित एक पुल को भी अपना निशाना बनाया है। इस पुल का उपयोग अब तक रूसी सैनिक खेरसान में घुसने के लिए कर रहे थे।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, रूस दक्षिणी यूक्रेन के मेलितोपोल, जपोरिज्जिया और खेरसान क्षेत्र में बड़े स्तर पर अपने सैनिकों को फिर से तैनात कर रहा है। गुरुवार को रूसी मिसाइलों ने कथित तौर पर कीव क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को भी अपना निशाना बनाया, जहां हफ्तों से कोई हमला नहीं किया गया था।
पश्चिमी हथियारों ने भी यूक्रेन को बढ़ावा दिया
राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से यूक्रेन को और अधिक हथियार भेजने का आह्वान किया है, जिसमें नाटो की हालिया बैठक में कहा गया है कि उनकी सेनाओं को रूसी तोपखाने के लाभ को तोड़ने में मदद करने के लिए बहुत अधिक आधुनिक प्रणालियों की आवश्यकता है।
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