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US ने राजनयिकों को देश से निकाला, तो भड़के रूस ने दे डाली ये धमकी

Gulabi
16 April 2021 6:41 AM GMT
US ने राजनयिकों को देश से निकाला, तो भड़के रूस ने दे डाली ये धमकी
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रूस (Russia) और अमेरिका (America) के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंचने लगा है

रूस (Russia) और अमेरिका (America) के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंचने लगा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने गुरुवार को 10 रूसी राजनयिकों को देश से निकाल दिया. बाइडेन की इस कार्रवाई पर भड़के रूस ने कहा कि अमेरिका को इसका जवाब दिया जाएगा. रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस ने मॉस्को (Moscow) में मौजूद अमेरिकी राजदूत जॉन सुलिवन (Jhon Sullivan) को समन भेजा. मंत्रालय ने बताया कि ऐसा वाशिंगटन द्वारा आर्थिक प्रतिबंध और राजनयिकों को अमेरिका से बाहर निकालने को लेकर किया गया है.

विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा 10 राजनयिकों को देश वापस भेजने और आर्थिक प्रतिबंध लगाने के फैसले के बाद सुलिवन को समन भेजा है. उनसे इस मामले में सफाई मांगी जाएगी. जखारोवा ने कहा कि अमेरिकी राजदूत को रूसी विदेश मंत्रालय में तलब किया गया है. उन्होंने कहा कि ये बातचीत अमेरिकी पक्ष के लिए कठोर होने वाली है. दोनों देशों के रिश्तों में तनाव ऐसे समय पर आया है, जब बाइडेन ने यूक्रेन के मुद्दे पर अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से बातचीत करने की इच्छा जताई थी.
रिश्ते बिगाड़ने के लिए अमेरिका को चुकानी होगी कीमत
जखारोवा ने बताया कि क्रेमलिन और उसके सैन्य गतिविधियां खतरे वाली नहीं हैं और रिश्तों को बिगाड़ने की जिम्मेदारी अमेरिका की होगी. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन को यह समझना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को कम करने के लिए उसे कीमत चुकानी होगी. जो हो रहा है उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से अमेरिका पर है. इस तरह के आक्रामक व्यवहार का निश्चित रूप से जवाब दिया जाएगा और प्रतिबंधों को लेकर प्रतिशोध की कार्रवाई भी होगी. रूसी मीडिया की माने तो क्रेमलिन ने प्रतिबंधों की सुगबुगाहट की जानकारी मिलते ही सुलिवन को मंगलवार को ही चेतावनी दी थी.
इसलिए अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
जो बाइडेन की तरफ से ये कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि उनके प्रशासन को शक है कि राष्ट्रपति चुनाव में रूस की तरह हस्तक्षेप किया गया था. इसके अलावा अमेरिका का मानना है कि रूस ने देश के सुरक्षा प्रतिष्ठानों में हैकिंग करने का प्रयास भी किया है. माना जा रहा है कि रूसी सेंधमारों ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर में सेंधमारी की थी. उनका मकसद कम से कम नौ एजेंसियों के नेटवर्कों को हैक करना था. अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने अमेरिकी सरकार की गुप्त जानकारी जुटाने की कोशिश की. इस कारण ये प्रतिबंध लगाए गए हैं.
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