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भारत से भेजे गए गेंहू की खेप को तुर्की प्रशासन ने लेने से किया इनकार, बताई ये वजह

Renuka Sahu
1 Jun 2022 2:59 AM GMT
The Turkish administration refused to accept the wheat consignment sent from India, explained the reason
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फाइल फोटो 

तुर्की प्रशासन ने भारत द्वारा भेजे गए गेंहू की खेप को लेने से इनकार कर दिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तुर्की प्रशासन ने भारत द्वारा भेजे गए गेंहू की खेप को लेने से इनकार कर दिया है. तुर्की के अधिकारियों ने कहा, गेंहू की इस खेप में फाइटोसैनिटरी की शिकायत है. इस वजह से इसे लेने से अस्वीकार किया जा रहा है. वहीं जो जहाज 29 मई को यह खेप लेकर तुर्की पहुंचा था उसे वापस लौटना पड़ा. गेहूं की 15 मिलियन टन खेप के वापस आने से भारत के व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. एस एंड पी ग्लोबल कमोडिटी के अनुसार एमवी इंसे एकडेनिज में 56877 टन गेंह लोड करके भेजा गया था, जो अब कंडला पोर्ट से वापस आ रहा है

एस एंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के अनुसार, जिसमें ट्रैकर केप्लर के शिपिंग डेटा का हवाला दिया गया है, इसे एकडेनिज में 56877 टन गेंह लोड करके भेजा गया था, जो अब कंडला पोर्ट से वापस आ रहा है.गेंहू की खेप में रूबेला नाम की बीमारी थी, जिसके चलते तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इसे लेने से इनकार कर दिया. एस एंड पी से इस बात की जानकारी मिली है. हालांकि इस मामले में अभी भारत के कृषि मंत्रालय ने कोई टिप्पणी नहीं की है. अप्रैल में महंगाई दर बढ़ने के बाद भारत ने गेंहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. अप्रैल में, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंहगाई दर अपने उच्चतम स्तर 7.79% पर पहुंच गई थी. वहीं खाद्य कीमतें 8.38 फीसदी दर्ज की गई थी.
वहीं इन शिपमेंट को भारत द्वारा गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले भेजा गया था. इसे एक प्राइवेट कंपनी की ओर से भेजा गया था. व्यापारियों ने निर्यात दोगुना कर दिया था. पिछले महीने गेंहूं के दाम में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली थी. जिसके चलते गेंहूं के निर्यात को रोक दिया गया था. हालांकि सरकार ने प्रतिबंध से पहले जो कंसाइनमेंट रवाना हो चुके हैं उसपर यह प्रतिबंध नहीं लगाया था.हालांकि भारत गेहूं का बड़ा निर्यातक नहीं है, लेकिन कई देश यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक कमी को पूरा करने के लिए इसकी आपूर्ति पर भरोसा कर रहे हैं.
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