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चीन के पहले सम्राट की कब्र 249 फीट ऊंचे पिरामिड के आकार के टीले के नीचे दफन, राज का होगा पर्दाफाश

Neha Dani
20 Dec 2021 2:14 AM GMT
चीन के पहले सम्राट की कब्र 249 फीट ऊंचे पिरामिड के आकार के टीले के नीचे दफन, राज का होगा पर्दाफाश
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जो सिचुआन प्रांत में जमीन में लगभग 6 किलोमीटर नीचे है।

चीन के पहले सम्राट चिन शी हुआंग के मकबरे में छिपे रहस्यों का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम जल्द ही कास्मिक किरणों का इस्तेमाल करेगी। लंबे समय से अफवाह है कि इस मकबरे में मौत का जाल बिछा हुआ है। इतना ही नहीं, कहा यह भी जाता है कि इसमें एक प्राचीन नक्शा रखा गया है, जिसके चारों तर तरल पारा की नदियां बहती हैं। चीन के सम्राट का यह कब्र लगभग 2200 साल पुराना है।

249 फीट ऊंचे टीले के नीचे दफन है कब्र
चीन के पहले सम्राट का कब्र 249 फीट ऊंचे पिरामिड के आकार के टीले के नीचे दफन है। यह मकबरा शीआन के लिंटोंग जिले में एक कब्रगाह के भीतर स्थित है। इस कब्र की सुरक्षा के लिए टेराकोटा सेना भी तैनात है। इस मकबरे के पूर्व दिशा में टेराकोटा के बने हजारों सैनिकों को पाया गया था। इनमें से प्रत्येक मूर्ति को चमकीले रंग से पेंट किया गया था। लेकिन, सही तरीके से संरक्षित किए जाने की तकनीक को खोजे जाने से पहले शुष्क शीआन हवा के संपर्क में आने से इनमें से अधिकांश सैनिकों के पेंट उड़ गए हैं।
चीन को एकजुट करने वाले पहले सम्राट थे चिन शी हुआंग
इस कारण है कि चीनी अधिकारी लंबे समय से इस मकबरे की खोजबीन की इजाजत देने में आनाकानी करते रहे हैं। लेकिन, अब नए प्रस्तावों में 2229 साल पुराने मकबरे का थ्री डायमेंशनल मैप बनाने के लिए सब एटॉमिक पॉटिकल्स डिटेक्टरों की मदद ली जाएगी। चिन शी हुआंग (259-210 ईसा पूर्व) 221 ईसा पूर्व में पूरे चीन को जीतने और एकजुट करने में सफल रहे। उनके बसाए गई चिन साम्राज्य ने चीन पर हजारों साल तक राज किया।
चिन शी हुआंग के नाम कई उपलब्धियां
चिन शी हुआंग के नाम चीन की महान दीवार पर निर्माण शुरू करने, राष्ट्रव्यापी सड़क नेटवर्क स्थापित करने और लेखन और इकाइयों को मानकीकृत करने सहित उपलब्धियां दर्ज हैं। उनकी भव्य कब्रगाह का पता 1974 में लगाया गया था। उनके इस कब्र पर कई फिल्में और वीडियो गेम का भी निर्माण किया गया है। इसमें द ममी और इंडियाना जोन्स जैसी मूवी शामिल हैं।
इस तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल
2017 में गीजा में ग्रेट पिरामिड के भीतर पहले से छिपे हुए 98-फीट लंबे कक्ष की उपस्थिति को प्रकट करने के लिए 2017 में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया था। म्यूऑन-स्कैनिंग तकनीक का प्रस्ताव बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी के भौतिक विज्ञानी युआनयुआन लियू और उनके सहयोगियों ने किया है। उनकी टीम आमतौर पर चाइना जिनपिंग अंडरग्राउंड लेबोरेटरी में डार्क मैटर की जांच के लिए कॉस्मिक किरणों का उपयोग करती है। यह दुनिया की सबसे गहरी कॉस्मिक किरण फैसिलिटी है, जो सिचुआन प्रांत में जमीन में लगभग 6 किलोमीटर नीचे है।
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