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बैंक की देरी के चलते पैसे मिलने में थोड़ा समय लग रहा हो.
टोल कंपनी (Toll Company) के चलते ऑस्ट्रेलिया (Australia) में रहने वाले एक ट्रक ड्राइवर को ऐसा झटका लगा कि उसके होश उड़ गए. टोल टैक्स (Toll Tax) के नाम पर उसके अकाउंट से धीरे-धीरे करके 57 हजार डॉलर यानी करीब 43 लाख रुपये काट लिए गए. उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वो 'न्यू साउथ वेल्स' की एक टोल रोड से गुजर रहा था. एक बार तो ट्रांसपोर्ट एजेंसी ने शख्स से लगभग 13 लाख रुपये का टोल वसूल लिया.
अकाउंट में रिफंड से कंपनी का इनकार
News.com.au की रिपोर्ट के अनुसार, सिडनी के ट्रक ड्राइवर जेसन क्लेंटन (Jason Clenton) के अकाउंट से हर बार करीब 75 हजार रुपये काट लिए गए. इस तरह उन्हें कुल 57 हजार डॉलर (43 लाख रुपये) का झटका लगा. जब जेसन ने इस गलती के लिए ट्रांसपोर्ट एजेंसी से अपने पैसे वापस मांगे, तो कंपनी ने उन्हें अकाउंट में रिफंड देने से मना कर दिया गया. स्टेट ट्रांसपोर्ट और रोड एजेंसी ने कहा कि वे जेसन के पैसे क्रेडिट नोट के जरिए लौटाएंगे.
जब तक अहसास हुआ, देर हो चुकी थी
जेसन उन 45 हजार ई-टोल (E-Toll) यूजर्स में से एक हैं, जिनसे टोल रोड इस्तेमाल करने के लिए गलती से रेगुलर चार्ज से कहीं ज्यादा पैसे वसूले गए. कंपनी की गलती की वजह से जेसन क्लेंटन के अकाउंट से टोल टैक्स के नाम पर भारी-भरकम राशि कटती रही. जब उन्हें इसका अहसास हुआ तो उन्होंने तुरंत अपना टोल अकाउंट बंद करवा दिया, लेकिन तब तक उन्हें बड़ा झटका लग चुका था.
'कंपनी ने मेरे साथ भद्दा मजाक किया'
ऑस्ट्रेलिया के 2GB रेडियो से बात करते हुए जेसन ने कहा, 'न्यू साउथ वेल्स और ई-टोल ने मेरे साथ भद्दा मजाक किया है. मैं पूरी तरह से निराश हूं. मुझे क्रेडिट नोट का ऑप्शन बिल्कुल भी नहीं चाहिए'. वहीं, न्यू साउथ वेल्स ट्रांसपोर्ट के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर हावर्ड कॉलिन्स (Howard Collins) ने इस घटना पर माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि कंपनी उन सभी ड्राइवरों को रिफंड करेगी, जिनसे ज्यादा पैसे वसूले गए हैं.
रोड मिनिस्टर ने मांगी माफी, किया ये दावा
रोड मिनिस्टर नेटली वार्ड (Natalie Ward) ने भी माफी मांगी और कहा कि ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जब एक अकाउंट से पैसे काटे गए, तो फिर उसी अकाउंट में पैसे वापस किए जाने चाहिए. मंत्री ने दावा किया कि 'न्यू साउथ वेल्स ट्रांसपोर्ट' ने सबको रिफंड कर दिया है. उन्होंने लोगों से थोड़ा इंतजार करने को कहा, क्योंकि संभव है कि बैंक की देरी के चलते पैसे मिलने में थोड़ा समय लग रहा हो.
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