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बंगाल की खाड़ी में भारत के लिए बढ़ने वाला हैं खतरा, चालक चीन की नौसेना कंबोडिया में गुपचुप बना रही सैन्‍य अड्डा

Admin Delhi 1
7 Jun 2022 10:33 AM GMT
बंगाल की खाड़ी में भारत के लिए बढ़ने वाला हैं खतरा, चालक चीन की नौसेना कंबोडिया में गुपचुप बना रही सैन्‍य अड्डा
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वर्ल्ड अफेयर्स न्यूज़: दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक नजरे गड़ाए बैठा चीन दक्षिण पूर्वी एशियाई देश कंबोडिया में अपनी नौसेना के लिए गुपचुप तरीके से सैन्‍य अड्डा बना रहा है। इस नौसैनिक ठिकाने का इस्‍तेमाल केवल चीनी नौसेना करेगी। पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने यह बड़ा खुलासा किया है। चीन और कंबोडिया दोनों ने ही नेवल बेस बनाए जाने की खबरों का खंडन किया है लेकिन अपने सैन्‍य अभियान को छिपाने के लिए वे असाधारण कदम उठा रहे हैं। यह चीनी नौसेना भारत के अंडमान निकोबार द्वीप समूह से मात्र 1200 किमी की दूरी पर स्थित है। वॉशिंगटन पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक थाइलैंड की खाड़ी में कंबोडिया के रेआम नेवल बेस चीनी नौसेना की उपस्थिति रहेगी। इस सप्‍ताह यहां पर ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह होने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंबोडिया में पीएलए का नौसैनिक अड्डा बनाना चीन की दुनियाभर में सैन्‍य सुविधा केंद्र बनाने की रणनीति का हिस्‍सा है। ताकि एक असली वैश्विक ताकत बनने के सपने को पूरा किया जा सके। अफ्रीका के जिबूती के बाद यह चीन का विदेश में दूसरा और रणनीतिक रूप से बेहद अहम हिंद प्रशांत क्षेत्र में पहला नौसैनिक अड्डा होगा।

दक्षिण पूर्वी एशिया में चीनी नौसेना की उपस्थिति मजबूत होगी: दक्षिण चीन सागर के ठीक पश्चिमी में विशाल नौसैनिक युद्धपोतों को तैनात करने की क्षमता इस इलाके में चीन के प्रभाव बढ़ाने की महत्‍वाकांक्षा का एक अहम हिस्‍सा माना जा रहा है। इससे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के आसपास के समुद्र में चीनी नौसेना की उपस्थिति मजबूत होगी। एक पश्चिमी अधिकारी ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि हिंद – प्रशांत चीनी नेताओं के लिए महत्‍वपूर्ण है जिसे वे ऐतिहासिक रूप से अपने प्रभाव का क्षेत्र मानते हैं। वे इसे अपना अधिकार समझते हैं।'

अधिकारी ने कहा, 'वे मानते हैं कि चीन का उदय बहुध्रुवीय दुनिया के वैश्विक ट्रेंड का हिस्‍सा है जहां बड़ी शक्तियां अपने प्रभाव वाले इलाके में ज्‍यादा ताकत से अपने हितों पर जोर देती हैं। चीन इस इलाके में धमकी, दंड और कई अन्‍य तरीकों से कोई देश उसके मुख्‍य हितों को चुनौती नहीं दे सके। अधिकारी ने कहा, 'चीन चाहत है कि वह इतना ज्‍यादा शक्तिशाली हो जाए ताकि पूरा क्षेत्र ड्रैगन के नेतृत्‍व को स्‍वीकार कर ले। ऐसा नहीं करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।' इससे पहले साल 2019 में चीन ने कंबोडिया के साथ एक गुप्त समझौता किया था ताकि उसकी सेना इस नेवल बेस का इस्‍तेमाल कर सके।

चीन के युद्धपोत आसानी से बंगाल की खाड़ी में आ जा सकेंगे: चीन ने इसे फेक न्‍यूज करार दिया था। चीन ने दावा किया था कि वह केवल सैन्‍य प्रशिक्षण दे रहा है। अब चीन के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि इस नेवल बेस का एक हिस्‍सा उसकी नौसेना इस्‍तेमाल करेगी। इस नेवल बेस के ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह को गुरुवार को अंजाम दिया जाएगा। चीन की नौसेना युद्धपोतों के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी है और कंबोडिया तक धमक होने से भारत की टेंशन बढ़ जाएगी। चीन के युद्धपोत मलक्‍का स्‍ट्रेट के रास्‍ते आसानी से बंगाल की खाड़ी में आ जा सकेंगे। चीन समुद्र के रास्‍ते म्‍यांमार तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है। इस नेवल बेस की मदद से चीन अमेरिका और भारत दोनों की खुफिया निगरानी आसानी से कर सकता है।

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