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चीन-ताइवान के बीच जंग का खतरा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की शी जिनपिंग से बात

Renuka Sahu
7 Oct 2021 6:24 AM GMT
चीन-ताइवान के बीच जंग का खतरा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने की शी जिनपिंग से बात
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फाइल फोटो 

चीन और ताइवान के बीच जंग का खतरा बढ़ गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन और ताइवान (China-Taiwan Conflict) के बीच जंग का खतरा बढ़ गया है. चीन लगातार रिकॉर्ड संख्या में लड़ाकू विमान (Fighter Jet) ताइवान की तरफ भेज रहा है. इसी मसले पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ बात की है. बाइडन ने कहा, 'मैंने शी (चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग) के साथ ताइवान को लेकर बात की है. हम सहमत हुए हैं कि हम ताइवान समझौते का पालन करेंगे. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुझे ऐसा नहीं लगता कि उन्हें (चीन) समझौते का पालन करने के अलावा कुछ और करना चाहिए.'

दरअसल, चीन ताइवान पर अपना दावा करता है. वहीं, ताइवान के अधिकारियों ने कहा है कि चीन के साथ रिश्ते 40 साल के सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. इससे पहले सोमवार को ताइवान ने कहा था कि उसके एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में 56 चीनी लड़ाकू विमानों ने घुसपैठ की है.
ये लड़ाकू विमान शुक्रवार से रोजाना रिकॉर्ड संख्या में भेजे जा रहे हैं. ये वही दिन है, जब चीन ने अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया था. चीन ने साल 2020 की तुलना में इस साल दोगुने लड़ाकू विमान भेजे हैं. बुधवार को रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग (Chiu Kuo-cheng) ने संसद में कहा कि चीन के साथ तनाव 40 वर्षों में सबसे खराब स्थिति में है और चेतावनी दी कि बीजिंग 2025 तक ताइवान पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण करने की क्षमता रख सकता है.
इससे पहले चीन ने कहा था कि इन लड़ाकू विमानों की उड़ान देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए है. इससे पहले चीन ने जून महीने में एक साथ 28 विमान भेजकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था. चीन ने ताइवान को अपनी संप्रभुता को स्‍वीकार कराने के लिए सैन्‍य और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है.
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing-wen) ने इससे पहले मंगलवार को एक लेख लिखा था. इसमें उन्होंने बताया था कि अगर ताइवान चीन के हाथों में चला गया, तो इसका एशियाई प्रशांत क्षेत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने लिखा था. 'अगर ताइवान के लोकतंत्र और जीवन शैली को खतरा होता है, तो ताइवान अपनी रक्षा के लिए जो कुछ भी कर सकता है, वह करेगा.' त्साई के लेख का जवाब देते हुए, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने राष्ट्रपति और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) पर ताइवान के लोकतंत्र को 'एक्सट्रीम आइडियोलॉजी' में बदलने का आरोप लगाया था.


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