विश्व
संपत्तियों छिपाने की प्रवृत्ति से परोपकारी गतिविधियों से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ी, बचाने के लिए करते हैं धर्मार्थ दान
Rounak Dey
10 Oct 2021 2:32 AM
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टैक्स हैवेन्स में ऐसे ट्रस्ट गोपनीय रूप से रजिस्टर्ड करवाए जाते हैं।
अमीर और ताकतवर लोगों की अपनी संपत्तियों छिपाने की प्रवृत्ति से परोपकारी गतिविधियों से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमीरों द्वारा टैक्स हैवेन में संपित्तयां छिपाने की बढ़ती प्रवृत्ति धर्मार्थ किए जाने वाले दान को कम कर रही है।
तमाम अमीर अमेरिकी लंबे समय से कर का बोझ को कम करने के लिए धर्मार्थ योगदान करते थे। लेकिन, इंटरनेशनल कॉन्जर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जनर्लिस्ट्स (आईसीआईजे) की पेंडोरा पेपर्स की रिपोर्ट से पता चला है कि कैसे दुनिया के नेताओं, अरबपतियों और अन्य ने शेल कंपनियों और ऑफशोर खातों के जरिये खरबों डॉलर सरकारों की पहुंच से दूर कर दिए, जो पूरी तरह से कानूनी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 'अमेरिका के साउथ डकोटा जैसे राज्यों में डायनेस्टी ट्रस्ट का उपयोग कर अमेरिकी कानूनी रूप से खुद को संपत्ति और अन्य करों से हमेशा के लिए बचा सकते हैं। इससे धर्मार्थ दान घट रहा है।'
अमेरिका का साउथ डकोटा राज्य एक टैक्स हैवेन बन गया
पेंडोरा पेपर्स ने जो नए खुलासे किए हैं, उनसे सामने आया एक अहम तथ्य यह है कि अमेरिका का साउथ डकोटा राज्य भी अब एक टैक्स हैवेन बन गया है। उसका नाम उन स्थानों में शामिल हो गया है, जहां दुनिया के धनी-मानी लोग अवैध या अनैतिक ढंग से अपने धन को लाकर रखते हैं। इन दस्तावेजों के मुताबिक अमेरिका के डेलावेयर, नवादा और वायमिंग जैसे क्षेत्रों में पहले से ही टैक्स फ्री धन रखने की सुविधा है।
आईसीआईजे के खोजी पत्रकारों के मुताबिक साउथ डकोटा अमेरिका का चौथा राज्य है, जो गोपनीय ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन की अनुमति देकर फूल-फल रहा है। आईसीआईजे के मुताबिक ट्रस्ट एक ऐसा ढांचा है, जो पूरी तरह गोपनीयता पर आधारित है। इसके तहत धनी-मानी लोग अपनी संपत्ति (नकदी, महल, शेयर, महंगी कलाकृतियां आदि) किसी ट्रस्ट को ट्रांसफर कर देते हैं। इस तरह वह संपत्ति उनके नाम पर नहीं दिखती। जबकि ट्रस्ट असल में उनके ही हाथ में होता है। टैक्स हैवेन्स में ऐसे ट्रस्ट गोपनीय रूप से रजिस्टर्ड करवाए जाते हैं।
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