विश्व
लगातार खराब होते जा रहे है पाकिस्तान के हालात, विदेशी कंपनियां भी निवेश करने से डरने लगीं
Renuka Sahu
26 Aug 2022 12:56 AM GMT
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फाइल फोटो
पाकिस्तान के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। दिनभर दिन पड़ोसी मुल्क गर्त में जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान (Pakistan) के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। दिनभर दिन पड़ोसी मुल्क गर्त में जा रहा है। पड़ोसी मुल्क के हालात अब ऐसे हो गए हैं कि वहां कोई विदेशी कंपनी निवेश करने से भी डर रही है। इसके चलते पाकिस्तान का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जुलाई में 43 प्रतिशत गिरकर 59 मिलियन अमरीकी डालर हो गया, जो एक साल पहले 103.8 मिलियन अमरीकी डालर था। इसके चलते शहबाज शरीफ सरकार की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
महीने-दर-महीने कम होता गया निवेश
एफडीआई में महीने-दर-महीने आधार पर 78 फीसदी की गिरावट देखी गई। जून में यह 271 मिलियन अमरीकी डालर था। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय क्षेत्र ने इस वित्तीय वर्ष के पहले महीने में वैश्विक निवेशकों से 27.7 मिलियन अमरीकी डालर का एफडीआई आकर्षित किया, जो पिछले साल के मुकाबले 36 मिलियन अमरीकी डालर कम रहा है।
गैस और संचार क्षेत्र में बड़ी गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि गैस और अन्वेषण क्षेत्र में निवेश 19 मिलियन अमरीकी डालर से घटकर 2.7 मिलियन अमरीकी डालर हो गया। संचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष निवेश भी 14.9 बिलियन अमरीकी डालर से गिरकर 10.6 बिलियन अमरीकी डालर हो गया।
चीन से बढ़ा निवेश
इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात से निवेश प्रवाह 3 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 13 मिलियन अमरीकी डालर हो गया और स्विस फर्मों द्वारा निवेश 11 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 12 मिलियन अमरीकी डालर हो गया। हालांकि, चीन से एफडीआई 3 मिलियन अमरीकी डालर से गिरकर 5 मिलियन अमरीकी डालर हो गया।
गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा पाक
बता दें कि पाकिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और गहराती राजनीतिक उथल-पुथल सरकार की कठिन निर्णय लेने की क्षमता के बारे में संदेह पैदा कर रहा है अर्थव्यवस्था को गर्त में लेजाने को मजबूर कर रहा है।
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