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द सिम्पसन्स कार्टून ने 24 साल पहले यूक्रेन संकट की भविष्यवाणी की थी, ट्विटर का दावा है

Aariz Ahmed
23 Feb 2022 3:18 PM GMT
द सिम्पसन्स कार्टून ने 24 साल पहले यूक्रेन संकट की भविष्यवाणी की थी, ट्विटर का दावा है
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मशहूर कार्टून शो सिम्पसन (Simpsons) एक बार फिर चर्चा में है. रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के साथ जारी तनाव के बीच कुछ सोशल मीडिया (Social Media) यूजर्स ने इस कार्टून की एक पुरानी क्लिप (Old Clip) को एक बार फिर शेयर कर रहे हैं. इसमें दिखाया गया है कि 1998 में इस कार्टून में सोवियत संघ (Soviet Union) की वापसी और एक नए शीत युद्ध (Cold War) की भविष्यवाणी की गई थी. यह क्लिप ट्विटर और बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उस दौरान खूब शेयर की जा रही है जब पश्चिमी देश रूस के साथ बड़े युद्ध को टालने का उपाय खोजने में लगे हैं.

वॉक्स के अनुसार यह क्लिप सिम्पसन के पुराने एपीसोड "सिम्पसन टाइड" (Simpsons Tide) से है जिसे 29 मार्च 1998 को प्रसारित किया गया था. इस दौरान बोरिस येल्टसिन राष्ट्रपति थे. यह दिखाता है कि सिम्पसन का देशप्रेमी होमर सिम्पसन नौसेना में शामिल होता है और रूसी पनडुब्बी के साथ गोलीबारी में फंस जाता है.

इस एपीसोड की वो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है संयुक्त राष्ट्र में रूस का राजदूत यह खुलासा करता है कि सोवियत संघ का विघटन केवल अमेरिका को भटकाने के लिए एक चाल थी.

इस 30 सेकेंड के क्लिप में लेनिन भी ताबूत तोड़ कर बाहर आ जाते हैं और किसी जॉम्बी की तरह कहते हुए आगे बढ़ते हैं कि "पूंजीवाद को कुचलना होगा".

यह क्लिप उस समय भी शेयर की गई थी जब 2014 में रूस ने यूक्रेन से क्रीमिया को अलग किया था. इसके बाद रूस और अमेरिका के बीच संबंध खराब हो गए थे.

ताजा संकट में अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर आरोप लगाया है कि उनके 150,000 सैनिक यूक्रेन की सीमा पर हमले के लिए तैयार हैं. रूस बार-बार रूस पर हमले की योजना से इंकार करता है लेकिन कह रहा है कि यूक्रेन से टूट कर अलग हुए दो कथित देशों की रक्षा करना उसकी ज़िम्मेदारी है.

रूस ने बुधवार को कहा कि रूस के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं लेकिन रूस के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हित पहले हैं और वो इस मुश्किल अंतर्राष्ट्रीय माहौल में अपनी सेना को मजबूत करना जारी रखेगा.

रूस नाटो में यूक्रेन को शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहा है और पूर्वी यूरोप में नाटो की मौजूदगी को वो कम करना चाहता है.

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