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आतंकवाद के एक मामले में दोषी करार देते हुए बिना पैरोल उम्रकैद की सजा सुनाई।
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में शनिवार को दो साल पहले दो मस्जिदों पर हुए हमले की बरसी मनाई गई और लोगों ने हमले में मारे गए लोगों को याद किया गया।
एक श्वेत नस्लवादी बंदूकधारी ने दो मस्जिदों पर हमला कर 51 नमाजियों की हत्या कर दी थी।
हमले में मारे गए लोगों को याद करने के लिए क्राइस्ट चर्च एरीना में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों लोग शामिल हुए और इसका वेबसाइट पर सीधा प्रसारण किया गया। पिछले साल भी इसकी तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई थी लेकिन कोविड-19 के मामलों में अचानक हुई वृद्धि की वजह से अंतिम समय में कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था।
हमले में अपने पति हारून महमूद को खो चुकी किरण मुनीर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना प्यार, और अपना जीवन साथी को खो दिया।
गौरतलब है कि 15 मार्च 2019 को ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ब्रेंटन टैरेंट ने जुम्मे की नमाज पढ़ने आए 44 लोगों की अल नूर मस्जिद में हत्या कर दी थी और इसके बाद वह लिनवुड मस्जिद गया और वहां भी सात और लोगों की हत्या की।
अदालत ने पिछले साल 30 वर्षीय टैरेंट को 51 हत्या के मामले में, 40 हत्या की कोशिश करने के मामले में और आतंकवाद के एक मामले में दोषी करार देते हुए बिना पैरोल उम्रकैद की सजा सुनाई।
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