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अफगानी महिलाएं अपने भविष्य को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं.
काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) का पहला मिशन उन लोगों को ढूंढ-ढूंढकर खत्म करना है, जिन्होंने अमेरिकी सेना या सरकार का समर्थन किया था. इसके लिए तालिबान ने बाकायदा 'किल लिस्ट' (Kill List) तैयार की है और उसके लड़ाके घर-घर जाकर संबंधित लोगों की तलाश कर रहे हैं. करीब 20 साल बाद सत्ता में लौटा तालिबान हर उस व्यक्ति को सजा देना चाहता है, जिसने उसके खिलाफ जाकर अमेरिकी सेना की मदद की.
ये लोग हैं निशाने पर
'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी काबुल में तालिबानी लड़ाके घर-घर जाकर अमेरिकी सेना (US Army) की मदद करने वालों को तलाश रहे हैं. इसमें पुलिस, सैन्यकर्मी, सरकारी अधिकारी, विदेशी NGO से जुड़े कार्यकर्त्ता और पत्रकार शामिल हैं. काबुल में फंसे 'रेडियो फ्री यूरोप' के पत्रकार सैयद मुस्तफा काजमी ने भी तालिबान के इस ऑपरेशन की जानकारी दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में बताया है कि तालिबान अब अपने दुश्मनों की तलाश कर रहा है.
Journalists के घर की तलाशी
उन्होंने लिखा है, 'तालिबानी आतंकी सरकारी अधिकारियों, पूर्व पुलिस और सैन्यकर्मियों, विदेशी गैर सरकारी संगठनों या अफगानिस्तान के विकास के लिए काम करने वालों की तलाश में घर-घर जा रहे हैं. कुछ वक्त पहले तक कम से कम तीन पत्रकारों के घर की तलाशी ली जा चुकी थी. काबुल में रहना अब घातक होता जा रहा है. किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा, हम सभी के लिए दुआ करें'.
Women की भी तैयार की गई लिस्ट
तालिबान ने उन महिलाओं की भी लिस्ट तैयार की है, जो सरकार और मीडिया के साथ काम कर रही थीं. काबुल की सड़कों पर तालिबानी आतंकी तैनात हैं और हर आने-जाने वाले की तलाशी हो रही है. कलाकारों को सरेआम पीटा जा रहा है, उनके इंस्ट्रूमेंट तोड़े जा रहे हैं. बता दें कि तालिबान के राज में न महिलाओं के कोई अधिकार होते हैं और न ही कलाकारों के लिए कोई जगह. यही वजह है कि अफगानी महिलाएं अपने भविष्य को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं.
Neha Dani
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