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तो वो भी मामले में इंट्रेस्ट लेना बंद कर देते हैं.
द फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि साल 2018 से यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में कम से कम 56,479 बच्चे लापता हो चुके हैं, जिनका यौन उत्पीड़न (Sexual Abuse) होने का खतरा बना हुआ है. इनमें ज्यादातर बच्चे 14 से 16 साल की उम्र के बीच के हैं, जबकि एक बच्चा तो 11 साल का है.
बच्चों के लापता होने के 5,500 केस हुए दर्ज
द सन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस लापता हुए बच्चों के दो तिहाई मामले ही अपने डेटा में दर्ज करती है. वेस्ट यॉर्कशायर पुलिस (Police) ने साल 2018 से अब तक 5,500 केस दर्ज किए हैं. गायब हुए बच्चों में एक बच्ची ऐसी है जो 197 बार लापता हुई. हालांकि पुलिस ने उसकी पहचान उजागर नहीं की. वहीं दो अन्य बच्चे ऐसे भी हैं जो 100 से ज्यादा बार लापता हुए. हम्बरसाइड पुलिस ने कहा कि 4 बच्चे 100 से ज्यादा बार लापता हुए. इनमें से एक तो पिछले तीन साल में 156 बार गायब हुआ.
रिपोर्ट में हुए इस खुलासे से पुलिस हैरान
पुलिस अधिकारी का कहना है कि बच्चों के लापता होने के मामले उनके माता-पिता या सोशल वर्कर्स तब दर्ज करवाते हैं, जब उन्हें लगता है कि बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार हो सकते हैं. एक रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि गायब हुए बच्चों में ज्यादातर कम उम्र की उन लड़कियों की संख्या है जो बार-बार पैसे, शराब या ड्रग्स के लिए आरोपियों के पास वापस चली जाती हैं.
इस मामले पर पूर्व चीफ क्राउन प्रॉसिक्यूटर नाजिर अफजल ने कहा कि जब कोई बच्चा पहली बार गायब होता है तो पुलिस उसको ढूंढने में पूरी ताकत झोक देती है. लेकिन जब कोई दो, तीन या सैकड़ों बार लापता होता है तो वो भी मामले में इंट्रेस्ट लेना बंद कर देते हैं.
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