
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काठमांडू, (आईएएनएस)| नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के बीच प्रधानमंत्री पद यानी कौन प्रधानमंत्री बनेगा, इसे लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन नाटकीय रूप से टूट गया है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा, जो वर्तमान प्रधानमंत्री भी हैं और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्पा कमल दहल 'प्रचंड' दोनों ही प्रधानमंत्री पद के लिए अपना-अपना दावा कर रहे हैं।
नेपाली कांग्रेस द्वारा प्रचंड को प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करने से इनकार करने के बाद, प्रचंड ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा की और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली से मिलने पहुंच गए। ओली ने प्रचंड की अगवानी की। ओली ने संभवत: प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार बनाने के लिए आज शाम तक अन्य दलों की बैठक भी बुलाई। दरअसल, 20 नवंबर को हुए चुनावों में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है, कोई भी दल जो नई सरकार का नेतृत्व करेगा, उसे दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी।
नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पौडेल ने कहा कि हमने गठबंधन को बचाने की कोशिश की, लेकिन हम नहीं कर सके, देउबा और प्रचंड के बीच वार्ता विफल होने के बाद अब हमारे हाथ खाली हैं। यदि प्रचंड प्रधानमंत्री बनते हैं, तो नेपाली कांग्रेस को सभी सात प्रांतों में अध्यक्ष, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और प्रांतीय सरकार जैसे कोई बड़ा पद मिलने की संभावना नहीं है।
न केवल यूएमएल और माओवादी सेंटर एक साथ आ रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, जनमत पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी जैसे अन्य छोटे राजनीतिक दल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन दे रहे हैं। अब तक, चार राजनीतिक दलों ने प्रचंड का समर्थन किया है। यदि यूएमएल अगले प्रधानमंत्री के रूप में प्रचंड का समर्थन करने के लिए सहमत है, तो संभवत: वह रविवार देर शाम तक सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
--आईएएनएस
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